अपर जिला जज ने कारागार में लगे साक्षरता शिविर में दिए कई निर्देश एवं किये गहनता से निरीक्षण

बदलता स्वरूप गोंडा। जिला कारागार में विधिक साक्षरता शिविर लगाकर किशोर बैरक व अस्पताल का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज द्वारा किया गया। शिविर के दौरान डिप्टी जेलर विवेक कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि आज कुल 992 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 171 विचाराधीन बन्दी 804 तथा अस्पताल में कुल 16 बन्दी भर्ती थे, जिनमें से सिद्धदोष बन्दी 03 व विचाराधीन बन्दी 13 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों को बताया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जेल के पैनल अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्चात उनके रिहाई के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस शिविर के दौरान सचिव द्वारा विगत साक्षरता शिविर के पश्चात जिला कारागार में आये नये बन्दियों से भी मुलाकात की गयी तथा उनसे कहा गया कि वे अपने प्रकरणों की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से करायें, यदि कोई बन्दी आर्थिक विपन्नता के कारण अधिवक्ता नियुक्त करने में असमर्थ है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। सचिव द्वारा शीघ्र ही जेल के पी0एल0वी0 राजमणि शुक्ला, राम सिंह व अतुल कुमार को बन्दियों के लिये निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र लिखकर बन्दियों द्वारा हस्ताक्षरित अथवा निशानी अंगूठा लगवाकर उसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान अनेक विचाराधीन बन्दी अपनी समस्या को सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया, जिस पर नियमानुसार विधिक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया तथा उप कारापाल को आदेशित किया कि यदि किसी बन्दी के परिवार वालों को गांव में प्रताड़ना दी जा रही है, उसके बावत वह नियमानुसार सम्बन्धित को पत्र प्रेषित कर आवश्यक कार्यवाही करावें। इसी दौरान सचिव द्वारा किशोर बैरक का गहनता से निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान उपकारापाल द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में जिला कारागार गोण्डा में 28 किशोर बन्दी, किशोर बैरक में निरूद्ध हैं। सचिव द्वारा किशोरों से वार्तालाप कर उनको बतलाया गया कि यदि वे कभी भी-कहीं भी-किसी भी विद्यालय में कोई शिक्षा ग्रहण की है, तो वे उम्र के बावत प्रमाण पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। यदि न्यायालय को ऐसा प्रतीत होगा कि घटित घटना के वक्त किशोर की उम्र 18 वर्ष से कम है, तो उसका विचारण, विचारण न्यायालय में न कर किशोर न्याय बोर्ड में किया जायेगा। इसी दौरान सचिव द्वारा किशोरों से उनके खान-पान, शिक्षा, खेल-कूद व मनोरंजन के बावत पूंछतांछ की गयी, जिस पर किशोरों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें जिला कारागार में खेलने के लिये वालीबाल एवं कैरम दिया गया है, किशोर बैरक के सभी बन्दी अपराह्न 03ः30 बजे से सायं 05ः30 बजे तक वालीबाल खेलते हैं। कुछ किशोरों द्वारा अवगत कराया गया कि वे पढ़ाई हेतु जिला कारागार के पुस्तकालय से पुस्तक लाकर पढ़ते हैं। सचिव द्वारा किशोरांे को अवगत कराया गया कि जो किशोर पढ़ाई कर रहे हैं, वे अपनी पढाई जारी रखे तथा पाठन सामग्री को उपलब्ध कराने के लिये कारागार अधीक्षक से सम्पर्क करें।

सचिव द्वारा किशोरों को बताया गया कि वे सब एक नियमित दिनचर्या बनायें एवं उसका अनुपालन करें तथा प्रातःकाल उठकर टेलीविजन के माध्यम से योगाभ्यास करें, टेलीविजन में डिस्कवरी चैनल, हिस्ट्री चैनल व नेशनल ज्योग्राफिकल चैनल इत्यादि अवश्य देखें, खाली समय में ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ें ताकि उनके आपके अन्दर एक अनुशासन पैदा हो तथा यहां से निकलकर एक स्वस्थ एवं अच्छा जीवन-यापन कर सकें। आज के शिविर के पश्चात सचिव द्वारा पाकशाला एवं अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया। अस्पताल के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य लाभ ले रहे बन्दियों से मिलकर उनका हाल-चाल लिया गया तथा अस्पताल के स्टाक में रखी औषधियों की एक्सापाइरी डेट का निरीक्षण किया गया। अस्पताल के स्टाक में कोई भी ऐसी दवाई नही पायी गयी, जो एक्सपायर्ड हो। अस्पताल के स्टाक में पर्याप्त मात्रा में औषधियां मौजूद थीं। जिसमें ए0डी0आर0 सेन्टर के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी उपस्थित रहे।