डॉक्टर के प्रयास से बच्ची की बची जान
बदलता स्वरूप बलरामपुर। 13 महिने की दूधमुंही बच्ची को तेल के ढक्कन के साथ खेलना महंगा पड़ गया। खेलते ही खेलते बच्ची ने तेल की ढक्कन को निगल लिया। इसके बाद उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। परिजनों ने आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। मामला तुलसीपुर तहसील के बसंतपुर मध्यनगर की 13 महीने की दूधमुंही बच्ची ने सुबह खेलते – खेलते मुंह में तेल शीशी का ढक्कन निगल लिया। उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उसकी हालत गंभीर होने पर परिजनों ने आनन – फानन में अल रहमान हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां पर जनपद के वरिष्ठ चिकित्सक मशहूर ईएनटी सर्जन डॉ अब्दुल कय्यूम ने बच्ची की हालात गंभीर देख इलाज शुरू कर दिया। कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टर ने बच्ची के गले में फंसा तेल की शीशी का ढक्कन को निकालने में कामयाब रहे। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अब्दुल कय्यूम ने कहा कि बच्ची के गले में ढक्कन फंसने के बाद उसकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी, यदि अस्पताल लाने में थोड़ी भी देरी होती तो शायद बच्ची का जान बचाना मुश्किल हो जाता। उन्होंने बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची के गले से तेल का ढक्कन निकाल दिया गया है। बच्ची अब खतरे से बाहर है। बच्ची को मिले जीवनदान व स्वस्थ देखकर परिजनों ने डॉ अब्दुल कयूम को धन्यवाद दिया। परिजनों कहा डॉक्टर धरती के भगवान होते हैं।

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