बदलता स्वरूप अयोध्या। अयाेध्याधाम में रामकाेट स्थित प्रसिद्ध पीठ श्रीरामाश्रम के संस्थापक महंत प्रभूदास शास्त्री महाराज काे तीसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किया गया। शुक्रवार को मंदिर प्रांगण में एक श्रद्धांजलि सभा आयाेजित हुई। सभा में रामनगरी के विशिष्ट संत-महंत एवं धर्माचार्यों ने पूर्वाचार्य के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। संताें ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। इस अवसर पर श्रीरामाश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर महंत जयराम दास वेदांती महाराज ने कहा कि उनके गुरूदेव संत और गाै सेवी रहे। वह विलक्षण प्रतिभा के धनी संत थे। उनकी गणना विद्वान संताें में हाेती थी। विद्वता में उन्हें महारथ हासिल था। उन्होंने अयोध्यानगरी में एक आश्रम की स्थापना कर उसका कार्यभार संभाला। आजीवन मठ की उत्तराेत्तर समृद्धि लगे रहे। मंदिर का सर्वांगीण विकास किया। जहां गाै, संत, विद्यार्थी एवं अतिथि सुचार रूप से चल रही है। गुरूदेव के पदचिंहाें पर चलकर मठ के विकास में कृत-संकल्पित हूं। उनकी देन है कि आज मंदिर की गणना अयाेध्याधाम के प्रमुखतम पीठाें में हाेती है। मठ में सभी उत्सव, समैया, त्याैहार परंपरागत रूप से मनाया जा रहा है। महाेत्सव में मंदिर से जुड़े हुए शिष्य-परिकर, अनुयायी सम्मिलित होकर जीवन सफल बनाते हैं। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में विराजमान भगवान मैथिलीरमण राम का भाेग,आरती-पूजन हुआ। उसके पश्चात साकेतवासी महंत के चित्रपट पर पूजन-अर्चन किया गया। श्रीरामाश्रम पीठाधीश्वर महंत जयराम दास वेदांती ने पधारे हुए संत-महंत, धर्माचार्यों का स्वागत-सम्मान किया।
पुण्यतिथि पर दशरथ महल के विंदुगाद्याचार्य महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य, मणिरामदास छावनी उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, लक्ष्मणकिला धीश महंत मैथिलीरमण शरण, रामवल्लभाकुंज अधिकारी राजकुमार दास, महंत रामानंद दास, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, महंत करूणानिधान शरण, महंत अवधेश दास, महंत राममिलन शरण, महंत गणेशानंद दास, महंत महेश दास, महंत उद्धव शरण, महंत विष्णु दास, महंत रामेश्वर दास, महंत डॉ. ममता शास्त्री, महंत रामानुज शरण, स्वामी छविरामदास, महंत सीताराम दास, महंत वीरेंद्र दास, महंत अर्जुन दास, महंत गिरीश दास, महंत संतोष दास, महंत राजेंद्र दास, महंत बलराम दास, महंत जनार्दन दास, महंत रामनरेश शरण, महंत गंगा दास, स्वामी गयाशरण, संतदास, प्रियेश दास, रामायणी गाेवर्धन दास आदि संत-महंताें ने पूर्वाचार्य काे श्रद्धासुमन अर्पित किया।