बदलता स्वरूप अयोध्या। भारत में जिस तीव्र वेग से लव जिहाद बढ़ रहा है इससे एक बात स्पष्ट है की ये लव जिहाद के एजेंट हमारे बीच में ही रहकर हमारे अपने लोगों में मित्रता बढ़ा कर हमारी ही हिंदू बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं, जिससे हिंदू बच्चियों को आगे चलकर जान से भी हाथ धोना पड़ता है, पूर्व में हुई घटनाएं इसका उदाहरण हैं। जिससे हमे शिक्षित होने की अत्यंत आवश्यकता है। हमे इस बात से सावधान रहना होगा कि हमारे त्यौहार और पर्वों को हम अपने जान पहचान के लोगो के साथ ही सेलिब्रेट करें क्योंकि ज्यादातर होता ये है कि हमारे अपने पूजा पाठ में ऐसे लोग समल्लित होकर ही ऐसे कृत्यों को अंजाम देते है और नवरात्र हो या दीपावली हमारा हर एक त्योहार पवित्रता के लिए ही जाना जाता है और मलेक्ष कभी इसका अनुसरण नही करते। जहां हम अपनी गौ माता का पूजन करते है वही ये लोग हमारी गौ माता का सेवन करते हैं, ऐसे लोगो को कदापि भी अपने त्योहारों में समल्लित न करें। ऐसा करने पर हमारे साथ दो खतरे हो सकते है प्रथम हमारे पर्व की पवित्रता और दूसरा हमारे सनातन धर्म की साक्षात स्वरूप हमारी मातृ शक्ति का सम्मान भी। हमे इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोई भी अन्य मजहब अथवा पंथ का व्यक्ति हमारे पूजा पंडालों से दूर रहे उसे पंडाल प्रांगण के अंदर प्रवेश से रोक दें हम अपने त्यौहार अपनो के बीच ही मनाएं।
