साधू रामसहारे दास की हत्या का खुलासा, दो अभियुक्त गिरफ़्तार व चोरी गयी संपत्ति बरामद

बदलता स्वरूप अयोध्या। बीते दिन हनुमानगढ़ी स्थित चारण मंदिर पर बसंतिया पट्टी के साधु रामसहारे दास की हत्या उनके निवास स्थान में किए जाने की सूचना प्राप्त होने पर थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 73/2023 धारा 302 भा0द0वि0 पंजीकृत हुआ। इस घटना के अनावरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक नगर अयोध्या एवं क्षेत्राधिकारी अयोध्या के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक राम जन्मभूमि मणि शंकर तिवारी व प्रभारी सर्विलांस स्वाट टीम अमरेश कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में संयुक्त टीम का गठन किया गया।

उक्त गठित संयुक्त टीम द्वारा तत्परता से अथक परिश्रम करते हुये 24 घंटे के अंदर घटना का सफल अनावरण किया गया। घटना में सम्मिलित अभियुक्तगण अंकित दास पुत्र पशुपति पांडेय निवासी खेमपुर थाना धनसुई जनपद बक्सर (बिहार) व बाल अपचारी को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से आलाकत्ल चोरी की गई संपत्ति 108900/- रुपया बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान अभियुक्तगण साधु अंकित दास उर्फ गोविंद द्वारा बताया गया कि वर्ष 2017 से हनुमान गढ़ी से जुड़ा हुआ हूँ पूर्व में इसी स्थान के सूर्यकुंड स्थित मंदिर पर रहकर पूजा पाठ करता रहा हूँ, कोविड काल के दौरान मैं यहाँ से चला गया था उसके बाद अब से करीब 02 माह पूर्व मैं महाराज राम आसरे दास के आश्रम पर रहकर सेवा पूजन आदि कर रहा था। महाराज का ही पूजा अर्पण (पुजारपन) का महीना कुछ दिन पहले ही पूरा हुआ था जिसमें काफी धनराशि प्राप्त हुई थी। इस प्राप्त धनराशि को महाराज हम लोगों से ही साफ करवाकर एवं गिनावाकर बैंक में व अपने पास रखा करते थे। अब से करीब 15-20 दिन पहले एक विद्यार्थी (बाल अपचारी) आकर रहने लगा हम दोनों मिलकर महाराज जी की सेवा व चढ़ावे की धनराशि की साफ सफाई करते थे। इतनी धनराशि देखकर मेरी नियत खराब हो गयी और मैंने अपने साथी विद्यार्थी को पैसे का लालच देकर मिला लिया और हम दोनों ने तय किया कि जिस दिन रात्रि में हनुमान गढ़ी पर सन्नाटा रहेगा भक्त यात्री ज्यादा नहीं रहेंगे उसी दिन महाराज जी को मारकर रुपया लेकर तुम चले जाना और मैं बाद में मिलूंगा, इससे लोगों का और पुलिस का शक (बाल अपचारी) पर रहेगा और हनुमान गढी पर अन्य महन्तो के सहयोग एवं सहमति से मेरी महाराज जी की जगह स्थापना हो जायेगी। इसी कारण मैं घटना करने के बाद मौके से नहीं भागा था। जिस चाकू से महंत श्री राम सहारे दास जी की हत्या की गई थी वह चाकू मैंने पैसे देकर योजना के अनुसार बाल अपचारी से खरीदवाया था। पुलिस द्वारा विवेचना के क्रम में अभियुक्त के बयान एवं अन्य तथ्यों का परीक्षण करते हुए आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।