शोध निदेशक ने भगवान राम से जुड़े मगहर मखौड़ा व सूकरखेत तक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 170 किमी स्काई वे निर्माण कराने का प्रस्ताव में दिया सुझाव
बदलता स्वरूप गोण्डा। लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के शोध निदेशक एवं हिन्दी विभाग के अध्यक्ष शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने अयोध्या को वैश्विक धार्मिक नगरी/पयर्टन केन्द्र बनाने के लिए भगवान राम से जुड़े प्रमुख पौराणिक-सांस्कृतिक स्थलों में लोकमंगल पथ के नाम से स्काई वे का निर्माण कराने का सुझाव देते हुए केन्द्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी को प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में अयोध्या के पास मखौड़ा, अगौना, मगहर व तिमुहानी सूकरखेत तक 170 किमी स्काई वे का निर्माण कराने का सुझाव के साथ ही केन्द्रीय सड़क मंत्री श्री गडकरी से प्रस्तावित परियोजना पर वार्ता करने का अनुरोध किया गया है।
शोध केन्द्र के निदेशक श्री मिश्र ने पत्र में कहा है कि
सप्तपुरियों में प्रमुख विश्व की प्राचीनतम् अयोध्या नगरी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की राजधानी व जैन तीर्थांकरो की जन्मस्थली के रूप में विख्यात रही है। आजादी के पांच दशक तक राजनैतिक दुराग्रह से उपेक्षा की शिकार रही यह पावन नगरी वर्तमान केन्द्र व प्रदेश सरकार के सद्प्रयास से कायाकल्प होकर विराट स्वरूप में विकसित हो रही है। अयोध्या को विश्व प्रसिद्ध तीर्थ व पयर्टन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए रामनगरी के सन्निकट मात्र 20 किमी की दूरी में स्थित पौराणिक क्षेत्र मखौड़ा में राजा दशरथ ने महर्षि श्रृंगी ऋषि के आचार्यत्व में पुत्रेष्ठि-यज्ञ किया था। इसी पावन भूमि से 84 कोसी परिक्रमा शुरू होती है। अयोध्या से पूर्वात्तर मात्र 100 किमी दूर संत कबीरनगर जनपद स्थित मगहर में निर्गुण व्रह्म के रूप में राम के उपासक कबीर का निर्वाण स्थल है। अयोध्या से 50 किमी पश्चिम भगवान राम की गोचर भूमि जनपद गोण्डा स्थित ‘तिमुहानी सूकर खेत’ में गुरु नरहरिदास से रामचरित मानस के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास ने राम कथा का श्रवण किया था। इन तीर्थो के मध्य और पौराणिक मखौड़ा के पास जनपद बस्ती में स्थित ग्राम अगौना में हिन्दी गद्य साहित्य और भाषा को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के साथ सगुण-निर्गुण में समन्वय व साहित्य में लोकमंगल की अवधारणा प्रस्तुत करने वाले आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की जन्म स्थली है। बस्ती-अयोध्या मार्ग विश्व का प्राचीनतम राम जानकी मार्ग कहलाता है। मान्यता है कि भगवती सीता इसी मार्ग से मिथिला से अपनी ससुराल अयोध्या आयीं थीं।
अयोध्या को वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक धार्मिक व साहित्य कला से सम्पन्न तीर्थ क्षेत्र व पयर्टन स्थल बनाने के लिए इन चारों स्थलां को राम नगरी से जोड़ने के लिए स्काई वे का निर्माण कराया जाना राष्ट्रीय हित में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध होगा। अमेरिका और बेला रूस की कई कम्पनियां स्काई वे निर्माण में सक्रिय हैं।
पत्र में यह भी कहा गया है कि शोध केन्द्र ने अध्यात्म व साहित्य से लोकमंगल की भावना, राष्ट्रप्रेम, सद्भावना समाज में विकसित करने के लिए गहन अध्ययन-अनुशालन के साथ गत दिवस विद्वानों का विचार साझा करने के लिए गोण्डा व लखनऊ में संगोष्ठियां आयोजित करने के साथ देश के प्रतिष्ठित विद्वानों के साथ मगहर से अगौना व तिमुहानी सूकरखेत तक लोक मंगल यात्रा निकाल कर गोष्ठियां का भी आयोजन किया है।
केन्द्रीय मंत्री को भेजे प्रस्ताव में अनुरोध किया गया है कि भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थलों व अयोध्या को विश्व प्रसिद्ध पयर्टन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए मखौड़ा अगौना, मगहर व तिमुहानी सूकर खेत तक लगभग 170 किमी स्काई वे के निर्माण हेतु एक वृहत परियोजना की स्वीकृति से अयोध्या विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी व वैश्विक स्तर पर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
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