बदलता स्वरूप। सरकार छुट्टा मवेशियों कौ संरक्षित करने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए फिर भी गौशाला की अपेक्षा खेतों बागोंआर तथा सड़कों पर मवेशी डेरा जमाए नजर आते हैं जहां किसानों की फसलें नष्ट करते हैं वहीं इधर उधर घूमने से किसी घटना दुर्घटना की वजह भी बन जाते हैं अक्सर सड़क दुघर्टना कुछ इन्हीं की वजह होती है कारण है इधर से उधर भागना नतीजतन वाहन चालक संतुलन खो बैठता है फिर कोई कालकवलित तो कोई अस्पताल में इलाज करा रहा होता है।कहना ग़लत ना होगा गौशाला की अपेक्षा पशुओं की झुंड बाहर दिखाई देती है । वैसे तो सम्भवतः जनपद में हर गांव कस्बों बाजारो में दिखाई देतै होंगे लेकिन।यह उदाहरण स्वरूप गोण्डा उतरौला सड़क मार्ग स्थित न्यू इण्डियन इंटर कालेज सोनबरसा के समीप का है जहां सामने बाग है वहां तो गोवंश आराम फरमाते ही है मन किया तो सड़क पर ही डेरा जमा लिया सड़क जबकि सामने की स्कूल है छात्र छात्राएं पढने आते हैं । वाहन चालक को समझने में देर लग सकती है अचानक उठकर सड़क पार करने और वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो सकता है। बहरहाल दिन की तो कम लेकिन रात में इनके वजह से अंजाने में सड़क दुघर्टना हो सकती है। भले ही सरकार ने पशुओं की तथा किसानों अर्थात दोहरी सुरक्षा के दृष्टिगत लाखों करोड़ों रूपए खर्च कर गौ आश्रय केंद्र बनवाया लेकिन नतीजा सिफर गौशाला बनने के बाद भी इधर उधर घूमते छुट्टा मवेशियों का झूण्ड।।।
