धर्म को न मानने वाले लोग अधर्मी और अशुद्ध होते हैं-स्वामी रवि गिरी

बदलता स्वरूप संवाददाता
बहराइच। जिले के सुप्रसिद्ध श्री सिद्धनाथ मन्दिर परिसर में शिव महापुराण कथा चल रही है। कथा के पंचम दिवस गुरुवार को कथाव्यास वरिष्ठ महामंडलेश्वर श्री सिद्घनाथ पीठाधीश्वर स्वामी रवि गिरी जी महाराज ने ताडकासुर वध पर कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि अपना कर्म अच्छा होगा, तो फल भी भगवान अच्छा ही देते हैं। उन्होंने भगवान शिव जी की महिमा का व्याख्यान करते हुए बताया कि ‘मनुष्य के उद्धार के लिए धर्म और ज्ञान से बड़ा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। धर्म को न मानने वाले लोग अधर्मी और अशुद्ध होते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी जी ने धर्म और ज्ञान से जुड़ी हुई बातों से भक्तों को अवगत कराया और कहा कि ‘इस भूतल पर कल्याण के लिए इस कथा से उत्तम दूसरा कोई साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि इस महापुराण के पठन अथवा ज्ञान से अवश्य ही पापी, दुराचारी लोग शुद्ध हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ प्राचीन इतिहास का वर्णन मुनियों ने कुछ इस प्रकार से दिया है, जिसके श्रवण या पठन से पापों का संपूर्ण नाश हो जाता है। शिव महापुराण कथा श्रवण करते कथाव्यास स्वामी रवि गिरी जी महाराज ने बताया कि भगवान शिव की आराधना मनुष्य को मोक्ष प्रदान करती है। इसलिए समस्त मानव जाति को भगवान शिव की निर्मल मन से उपासना करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पार्वती जी ने भगवान शिव से कहा कि आप परम तत्व के बारे में अवगत करवाएं। जिसकी शरण में जानें से मुक्ति मिल जाती हो। स्वामी रवि गिरी जी ने बताया कि पार्वती जी की बात सुनकर भगवान शिव बोले कि हे देवी विज्ञान ही परम तत्व है और यह विज्ञान मनुष्य के अंतर्मन में ही विराजमान रहता है। मगर आज का इंसान सांसारिक मोह माया में उलझा हुआ है, जिसकी वजह से वह जीवन काल तक इधर से उधर भटकता रहता है। कार्यक्रम का संचालन नागा बाबा ह्रदेश गिरी,नागा बाबा उमाकांत गिरी जी द्वारा किया जा रहा है। शिव पार्वती की कथा सुनने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों से श्रोता यहां नियमित रूप से कथा श्रवण हेतु शामिल हो रहे हैं।