बदलता स्वरूप गोंडा। तरबगंज के टकटोना ग्राम सभा में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में महराज जी ने कहा कि भगवतकथा एक सरल साधन है जिससे बड़ी सरलता व प्रेम पूर्वक चारों वर्णों के लोग ज्ञान वैराग्य भक्ति की त्रिवेणी में स्नान कर भवसागर पार उतर सकते है। प्रेम जी महराज ने अपनी कथा में मानव में मानवता के कल्याण के लिए नौ सूत्र गिनाते हुए बताया कि सच्चा ज्ञान, भक्ति , वैराग्य, प्रेम, करुण, विवेक, सुमिरन, कथा कीर्तन के माध्यम से मानव का आचरण शुद्ध करके उसे महामानव बना सकती हैं। व्यास जी ने ध्रुव और प्रहलाद के पावन चरित्र की कथा सुना कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। भागवत कथा में आए गणमान्य व्यक्तियों का कथा के मुख्य आयोजक संदीप तिवारी ने अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया। उपस्थित श्रद्धालुओं में भागीरथ शुक्ला, डा श्री निवास पांडेय, विश्वजीत शुक्ला, प्रधान गेड़सर लल्ला सिंह, संदीप सिंह कनकपुर, कवि शैलेंद्र पांडेय मासूम, अरुण मिश्रा, शंकर दत्त शुक्ला, टीपू सिंह, प्रदीप मिश्रा, राजा बाबू आदि उपस्थित रहे।
