निखिल भारतीय तीर्थ विकास समिति ने राम रसोई की 04 साल यात्रा की पूर्ण

बदलता स्वरूप अयोध्या। राम रसोई की यात्रा के चार साल आज पूरे हुए। 2019 में 9 नवम्बर, को सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय आने के बाद राम-जानकी विवाह-पंचमी के पावन अवसर पर दिनाक 01/12/2019 से राम रसोई प्रारम्भ हुई। हमें ऐसा आभास था कि राम लला जी की विजय अवश्य होगी। अतः पहले से सारा प्रबन्ध किया हुआ था। सामूहिक भोजन करने के लिए एक विशाल ‘हाल’ बनाया गया और सुन्दर, स्वच्छ रसोई की भी स्थापना की गयी थी, अत फैसले के तुरन्त बाद प्रथम शुभ मुहूर्त पर दिनाक 01/12/2019 को राम-रसोई का श्री गणेश हो गया था। इस चार साल की अवधि में करीब पचीस लाख भक्तों ने राम-रसोई में प्रसाद ग्रहण किया है। भोजन में चावल दाल, साभर कचौड़ी, आलूदम कोफ्ता, तिलौरी, चटनी, पापड और धी-दस व्यंजन प्रेम से परोसे जाते हैं, और भक्तों की सन्तुष्टि तक आग्रहपूर्वक आतिथ्य किया जाता है। प्रारम्भ में भक्तों की संख्या कम थी, किन्तु धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ती गयी और मार्च, 2023 से हर महीने में यह सख्या 90 हजार से 1 लाख के बीच प्रायः रही है। अब तक इस पर करीब साढ़े सात करोड़ रु0 खर्च हुए है। अभी राम-रसोई पर तकरीबन एक लाख रुपये प्रतिदिन व्यय होता है और 15 जनवरी, 2024 से दोनो शाम भोजन उपलब्ध कराने पर राशि और अधिक बढ़ जायेगी। पहले चूँकि राम मंदिर शाम होते ही बन्द हो जाता था और इस अति-सुरक्षित क्षेत्र में भक्तों का आवागमन नगण्य था l

अतः एक ही समय दिन में 11:00 बजे से 03:00 बजे तक राम-रसोई की व्यवस्था की जाती थी, किन्तु अब रात्रि में भी भक्तों की चहल-पहल इस इलाके में रहती है, अतः यह निर्णय लिया गया है कि 15 जनवरी 2024 से राम-रसोई की व्यवस्था रात में भी शाम सात बजे से रात्रि नौ बजे तक होगी। इसके अतिरिक्त 15 जनवरी से एक महीने तक भक्तों की भीड को ध्यान में रखते हुए राम रसोई में भोजन के अतिरिक्त राम भक्तों को जो भीड़ के कारण राम रसोई में भाग नहीं ले सकेंगे, पैकेट में भी भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। यह व्यवस्था प्रात नौ बजे से प्रारम्भ होगी। अयोध्या के इतिहास में पहली बार महावीर मंदिर, पटना की ओर से प्रारम्भ की गयी इस राम-रसोई को पूरे देश में सराहा गया है, क्योंकि राम-रसोई में भाग लेने वाले भक्त देश के प्रायः क्षेत्र से आते हैं और स्वादिष्ट भोजन प्रेम पूर्वक मिलने तथा भक्तों के आग्रह करने पर कोई भी राशि या सामग्री नहीं लेने के कारण लोग अद्धापूर्वक राम-रसोई की स्मृति संजोये रहते हैं।