बदलता स्वरूप गोंडा। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा प्रमोद कुमार श्रीवास्तव-।। के निर्देशानुसार जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज/एफटीसी द्वारा किया गया। उक्त साक्षरता शिविर के दौरान जेलर शिव प्रताप मिश्रा द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 982 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 181 विचाराधीन बन्दी 778 तथा अस्पताल में कुल 22 बन्दी भर्ती थे, जिनमें से सिद्धदोष बन्दी 02 व विचाराधीन बन्दी 20 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों को बताया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जेल के पैनल अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्चात उनके रिहाई के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस शिविर के दौरान सचिव द्वारा विगत साक्षरता शिविर के पश्चात जिला कारागार में आये नये बन्दियों से भी मुलाकात की गयी तथा उनसे कहा गया कि वे अपने प्रकरणों की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से करायें, यदि कोई बन्दी आर्थिक विपन्नता के कारण अधिवक्ता नियुक्त करने में असमर्थ है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। साक्षरता शिविर के दौरान ही 03 पुरूष बन्दी ने निःश्ुाल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में याचना की। सचिव द्वारा शीघ्र ही जेल के पी0एल0वी0 राजमणि शुक्ला को बन्दियों के लिये निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र लिखकर बन्दियों द्वारा हस्ताक्षरित अथवा निशानी अंगूठा लगवाकर उसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया। इस अवसर पर 02 विचाराधीन बन्दियों ने आर्थिक विपन्नता के कारण जमानत शर्तों को पूर्ण करने में असमर्थता जाहिर की, जिस पर सचिव द्वारा उनसे उक्त के बावत प्रार्थना पत्र को जेल पराविधिक स्वयं सेवक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित कराने हेतु कहा गया। इसी दौरान सचिव द्वारा महिला बैरक में भी साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
महिला बैरक में उक्त शिविर के दौरान महिला बैरक की प्रभारी श्रीमती रंजना शुक्ला नेे पूंछतांछ के दौरान बताया कि वर्तमान में 56 महिला बन्दी एवं 06 बच्चे रह रहे हैं। इस दौरान सचिव द्वारा 01 महिला बन्दी से बातचीत की गयी, जिसके द्वारा आवगत कराया गया कि उसकी जमानत माननीय उच्च न्यायालय से हो चुकी है किन्तु आर्थिक विपन्नता व घर में कोई न होने के कारण वह बेलबाण्ड दाखिल करने में असमर्थ है। इस पर सचिव द्वारा महिला बैरक प्रभारी को उक्त दोषसिद्ध महिला बन्दी की प्रार्थना पत्र लेकर उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करने के लिये कहा गया। इसी दौरान 01 महिला बन्दी द्वारा अवगत कराया गया कि उसके बच्चों को उसके घर पर रिश्तेदारों द्वारा प्रताड़ित किया जाता हैै, जिस पर सचिव द्वारा जेलर को आदेशित किया गया कि महिला बन्दी की उक्त समस्या के बावत पुलिस अधीक्षक गोण्डा को पत्र प्रेषित कर उक्त महिला बन्दी के बच्चों को सुरक्षा प्रदान करायें। सचिव द्वारा यह पूंछने पर कि क्या यंहा पर पढाने के लिये कोई अध्यापक आते हैं, इस पर जेलर द्वारा अवगत कराया गया कि 01 महिला अध्यापक पायल वर्मा यहां पर पढाने हेतु आती हैं किन्तु बिना किसी सूचना के पिछले 10 दिनों से नही आ रही हैं। इस पर सचिव द्वारा जेलर को आदेशित किया गया कि उक्त महिला की अनुपस्थिति की सूचना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोण्डा को अविलम्ब दें। जेलर द्वारा यह भी बताया गया कि यहां कि लगभग 10 महिला बन्दी एंव बच्चे उक्त महिला अध्यापक से पढते हैं। आज निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा जिला कारागार गोण्डा के बैरक नं0-04 का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि वहां पर 02 पुरूष बन्दी 21 वर्ष से कम आयु के प्रतीत हुये, इस पर सचिव द्वारा जेलर को आदेशित किया गया कि उक्त दोनों बंदियों को किशोर बैरक में स्थानान्तरित करायें तथा स्वयं यह जांच करें कि जिला कारागार के किसी अन्य बैरकों में ऐसा कोई बन्दी तो नही है, जो प्रथम दृष्टया 18 से 21 वर्ष के मध्य का प्रतीत होता है। यदि कोई ऐसा बन्दी 18 से 21 वर्ष के मध्य का प्रतीत हो तो उसे किशोर बैरक में रखें। इसी बैरक के 01 बन्दी ने यह बताया कि उसे सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाये, इस पर सचिव द्वारा उसे सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया। पाकशाला में सायंकालीन भोजन की तैयारियां की जा रही थी। पाकशाला इन्चार्ज द्वारा बताया गया कि आज 51 बन्दी सांयकालीन भोजन बना रहे हैं। सायंकालीन भोजन बना रहे 01-02 बन्दियों को बुलाया गया तथा उनके हाथों के नाखून का देखा गया गया, दोनो बन्दियों के नाखून कटे हुये थे। सचिव द्वारा पाकशाला इन्चार्ज को आदेशित किया गया कि खाना बनवाने से पहले खाना बनाने वाले सभी बन्दियों के नाखून कटे होने चाहिये तथा उन्हें किसी भी तरह के चोट नही लगी होनी चाहिये। पाकशाला इन्चार्ज द्वारा अवगत कराया गया कि सायंकालीन भोजन में आज बन्दियों को रोटी, चावल, दाल-अरहर व आलू, पालक की सब्जी दी जायेगी। पाकशाला में साफ-सफाई थी, बर्तन भी साफ-सुथरे थे। इसके उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार के अस्पताल का निरीक्षण किया गया। जिला कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा उनका हाल-चाल पूंछा गया। कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डाक्टर डा0 ए0पी0सिंह को निर्देशित किया गया कि बीमार बन्दियों की उचित देखभाल एवं दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। आज के विधिक साक्षरता षिविर एवं निरीक्षण के दौरान जेलर शिव प्रताप मिश्र एवं अन्य बन्दी रक्षक तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के लिपिक सन्दीप कुमार राही व चपरासी संजय कुमार यादव उपस्थित रहे।