बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने बताया है कि ई-श्रम योजना में रजिस्ट्रेशन करने वाले श्रमिकों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक्स ग्रेशिया नामक नई कल्याणकारी योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण करा चुके असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 01 से लेकर 2 लाख तक आर्थिक सहायता दिलाई जायेगी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा लागू की गयी एक्स ग्रेशिया स्कीम के तहत पंजीकृत श्रमिकों को किसी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने पर स्थाई विकलांगता की स्थिति में एक लाख रुपये तक आर्थिक मदद मिल सकेगी। वहीं दुर्घटना में श्रमिकों की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को दो लाख रुपये तक आर्थिक मदद श्रम विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। इस योजना का लाभ लेने हेतु श्रमिक को इस योजना का लाभ पाने के लिए जनपद के श्रम विभाग में निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र के साथ घायल की मेडिकल रिपोर्ट, एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज तथा मृत्यु होने पर श्रर्मिक का मृत्यु प्रमाण पत्र, ई-श्रम कार्ड़, पंचनामा,पोस्ट मॉस्टम रिपोर्ट, एफ0आई0आर0 रिपोर्ट, आधार कार्ड़, बैंक पासबुक की छाया प्रति प्रस्तुत करनी होगी। जिले में इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के अन्तर्गत पंजीकृत कामगारो को ई-श्रम योजना का लाभ दिलाने के लिए जिलाधिकारी कृतिका शर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है। समिति के निर्णय के आधार पर पंजीकृत असंगठित कर्मकार को लाभान्वित किया जायेगा।
इस आशय की विस्तृत जानकारी देते हुए सहायक श्रमायुक्त सन्तपाल ने बताया है कि असंगठित श्रमिकों से सम्बन्धित समस्त कार्यो को देखने के लिए उ0प्र0 सरकार द्वारा न्च्ैैठ बोर्ड का गठन किया गया है, जिसके अन्तर्गत धोबी, दर्जी, माली ,मोची, नाई, बुनकर,कोरी जुलाहा, रिक्शा चालक, घरेलू कर्मकार, कूड़ा बीनने वाला, हाथ ठेला चलाने वाला ,फुटकर सब्जी, फल फूल विक्रेता, चाय, चाट ठेला लगाने वाले, फुटपाथ व्यापारी, हमाल कुली, जनरेटर/लाइट उठाने वाले, कैटरिंग का कार्य करने वाले, फेरी लगाने वाले, मोटर साइकिल/साइकिल मरम्मत करने वाले, गैरेज कर्मकार, परिवहन में लगे कर्मकार, आटो चालक, सफाई कामगार, ढोल/बाजा बजाने वाले, टेन्ट हाउस में काम करने वाले, मछुआरा, तांगा/बैलगाड़ी चलाने वाले, अगरबत्ती (कुटीर उद्योग) बनाने वाले कर्मकार, गाड़ीवान, घरेलू उद्योग में लगे मजदूर, भड़भूजे(मुर्रा, चना फोड़ने वाले), पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी, बत्तख पालन में लगे कर्मकार, दुकानों में काम करने वाले ऐसे मजदूर(जो ई0पी0एफ0 और ई0एस0आई0 से आवर्त न हो), खेतिहर कर्मकार, चरवाहा, दूध दुहने वाले, नाव चलाने वाले(नाविक), नट-नटनी, रसोईया, हड्डी बीनने वाले(हड्ड बिनने), समाचार-पत्र बांटने वाले(हॉकर), ठेका मजदूर (उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत एवं बोर्ड द्वारा कार्यरत आउटसोर्सिंग के कर्मकार एवं ई0एस0आई0 व भविष्य निधि योजना में शामिल मजदूरों को छोड़कर), खड्डी पर कार्य करने वाले(सूत, रंागई, कताई आदि) दरी, कम्बल, जरी, जरदौंजी, चिकनकारी, मीटशाप व पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले, डेयरी पर काम करने वाले, कांच की चूड़ी एवं अन्य कांच उत्पादों में स्वरोजगार करने वाले कर्मकार आदि पंजीकृत श्रमिक अच्छादित किये गये है।
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