बदलता स्वरूप गोण्डा। विकास खण्ड बेलसर के ग्राम पंचायत माधवपुर के मजरा बुलहा गांव के निकट पहलवान बाबा के नाम से प्रसिद्ध मंदिर है। जहां हजारों लोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं।मान्यता है कि सदियों पूर्व इस स्थान पर एक विशाल पीपल का पेड़ हुआ करता था।इस स्थान पर पहलवान बाबा लोगों से कुस्ती लड़ते थे। एक दिन कुछ स्थानीय लोग बकरी को चरा रहे थे। पीपल की डाल में लगी पत्ती खिलाना चाहते थे।लेकिन पेड़ की डालियां बहुत ऊपर होने के कारण वह पहुंच नहीं सकते थे। उसी वक्त पहलवान बाबा आ गए, उक्त बातों को सुनकर पहलवान बाबा ने कहा कि पेड़ की पीपल पर चढ़कर डालियां नीचे खींच लाऊंगा, उनकी बातों को सुनाकर लोग हंसी करने लगे, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि बाबा में इतना बल है कि पीपल की डालियों को नीचे खींच लायेंगे।लेकिन बाबा ने अपने बल का लोहा मनवाया, उस वाक्या देख लोग हैरान हो गए। उनकी मृत्यु के पश्चात इस स्थान पर मंदिर की स्थापना हुई और लोगों की आस्था जुड़ी। मंगलवार व शनिवार को विषेश दिन की मान्यताएं हैं। मंदिर पर जल और प्रसाद चढ़ाता है। गजाधर पुरवा निवासी राम सजन पाण्डेय का कहना है कि बाबा ने मेरे कई कामों को पूरा किया।जिससे प्रभावित होकर, मेरे द्वारा और भक्तों के सहयोग से कई वर्षो से आखण्ड रामायण के साथ मेले का आयोजन किया जाता। परन्तु पुलिस प्रशासन बेखबर रहता है। सुरक्षा व्यवस्था न होने से परेसानिया पढ़ती है। कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले ओम प्रकाश ओझा, अशोक ओझा, अशोक कुमार पाण्डेय, दद्दा ओझा, सिपाही लाल ओझा, संतराम विश्वकर्मा सहित दर्जनों लोग शामिल रहें।
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