फ़ोरम द्वारा ज़मीन कब्जे ज्ञापन को मुख्यमंत्री ने अग्रेषित कर कार्यवाही का दिया आदेश

ई.आर.के.जायसवाल
बदलता स्वरूप पटना। डूबते को तिनके का सहारा। कूछ ऐसा ही कहावत चरितार्थ प्रतीत होती है। जब एक होनहार नौजवान बेंगलुरु में कार्यरत अभियंता के पुरखों कि बनाई सम्पत्ति ज़मीन पर क्षेत्रीय दबंग व्यक्ति द्वारा कब्जा कर अनाधिकृत रूप से किए जा रहे सुचारू रूप निर्माण को रोक पाने में असमर्थ व लाचार प्रतीत हो रही थी। अब उन्होंने बिना डरें लोहा लेने कि ठानते हुए अनेकों दरवाजों पर दस्तक दी। उनके द्वारा किए गए दस्तक व अनुरोध को राष्ट्रीय मानवाधिकार एक्शन फ़ोरम ने बिहार मुख्यमंत्री को संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने का अनुरोध किया था। फ़ोरम द्वारा दिए गए ज्ञापन को मुख्यमंत्री ने अग्रेषित करते हुए इसपर शीघ्र उचित कार्यवाही करने के लिए क्षेत्रीय जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है।
गौरतलब हो कि अमेरिका व यूरोप से लौटे‌ और बेंगलुरु में कार्यरत अररिया बिहार के अभियंता श्री श्याम कुमार साह कि ज़मीन पर क्षेत्रीय दबंग व्यक्ति द्वारा कब्जा कर अवैध निर्माण‌ कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। तीन वर्षों से लगातार वह मदद हेतु प्रयास में लगे हैं, परंतु स्थानीय प्रशासन से मिली निराशा परिणाम स्वरूप उन्हें परिवार सहित पलायन करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
अभियंता श्याम कुमार साह ने हमारे सहयोगी व समाजसेवी ईं आर के जायसवाल से बातचीत में बताया कि हमने कई रातें तनाव बढ़ जाने के कारण सोया नहीं और आगे कहा कि जब हम अपने सच्ची कमाई घन से विरासत में अपने बच्चों के लिए महंगाई के बीच सम्पत्ति छोड़ने में कामयाब नहीं हो सकतें और हमारी पुरखों कि बनाई सम्पत्ति पर दबंगों द्वारा कब्जा किया जाए। यह हमारी कर्तव्य है कि अपने पुरखों कि बनाई गई सम्पत्ति को किसी के दबंगई में नहीं छोड़ी जा सकती है, इसके लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेगे और अपना ज़मीन कब्जे से मुक्त कराकर रहेंगे। साथ उन्होंने सभी मिडिया कर्मियों सहित मानवाधिकार फ़ोरम व मित्रों को सहायक बनने और आगे भी तत्परता के साथ खड़े रहने कि उम्मीद जताई साथ ही सभी के लिए साथ देने का आभार जताया।