बदलता स्वरूप गोंडा। नगर के प्रतिष्ठित महेंद्रा कोचिंग के प्रतियोगी छात्र छात्राओं को सिविल डिफेंस गोंडा के द्वारा आग के बारे में प्रशिक्षित किया गया जिससे वो अब आग से बचाव करने में सक्षम हो गए हैं। विदित हो कि कुछ माह पहले गोंडा में सिविल डिफेंस विभाग की स्थापना हुई है। विभाग के द्वारा जिला प्रशासन का सहयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त विद्यालयो में फर्स्ट एड व फायर की ट्रेनिंग भी प्रदान की जाती है। इसी कड़ी में एल बी एस चौराहे के पास स्थित शहर की प्रतिष्ठित महेंद्रा कोचिंग में सिविल डिफेंस गोंडा के द्वारा अग्निशमन का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमे कोचिंग की 35 से ज्यादा छात्र छात्राओं व टीचर ने प्रतिभाग किया। गोंडा सिविल डिफेंस के प्रभारी राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सीनियर असिस्टेंट डिप्टी कंट्रोलर मनोज वर्मा ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सिविल डिफेंस की उपयोगिता के साथ साथ सिविल डिफेंस की स्थापना कब, क्यों और कैसी हुई की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नगर के जिलाधिकारी के अधीन सिविल डिफेंस कार्य करता है तथा किसी भी आपदा में सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाते हैं। लखनऊ से आए सीनियर असिस्टेंट डिप्टी कंट्रोलर सुमित मौर्य ने आग के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बच्चो को आग की परिभाषा, आग के प्रकार, आग पर काबू पाने के तरीके के बारे में बताया। इसी के साथ आग पर काबू पाने के लिए प्रयोग होने वाले अग्निशमन यंत्र को कैसे चलाया जाता है के प्रयोग की व्यवहारिक जानकारी भी प्रदान की।
कोचिंग में सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग आयोजित कराने वाले घटना नियंत्रण अधिकारी दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बहुत जल्द ही कोचिंग के छात्र छात्राओं के द्वारा एक मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया जाएगा, जिसके द्वारा आपदा प्रबंधन के प्रदर्शन को दिखाया जाएगा। नगर के चीफ वार्डन डॉ राजेश श्रीवास्तव के अनुसार एक योजना के तहत नगर के समस्त विद्यालयो में सिविल डिफेंस के द्वारा आपदा के प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। अंत में कोचिंग के मैनेजर ब्रजेश कुमार ने अग्निशमन की ट्रेनिंग कोचिंग में चलाने के लिए सिविल डिफेंस टीम का आभार प्रकट करते हुए कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे, जिससे स्कूल के बच्चे आपदा में निपुण हो सकेंगे।