ईं आरके जायसवाल
बदलता स्वरूप पोर्ट लुइस। मंगलवार को मॉरीशस के 56वें राष्ट्रीय दिवस का आयोजन किया गया। मॉरीशस दिवस 1968 में पूर्वी अफ्रीकी देश की ब्रिटेन से आजादी और 1992 में इसके गणतंत्र में परिवर्तन की याद में मनाया जाता है। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाग लिया वहां पर उनकी भव्य स्वागत किया गया साथ ही दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और स्थायी संबंधों को रेखांकित किया गया। राष्ट्रपति मुर्मू मॉरीशस की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। वर्तमान सरकार के तहत यह पहली बार है कि ये समारोह उसी स्थान पर आयोजित किए गए हैं जहां 56 साल पहले यूनियन जैक को मॉरीशस ध्वज से बदल दिया गया था। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि स्वतंत्रता की 56वीं वर्षगांठ और मॉरीशस गणराज्य की 32वीं वर्षगांठ पर मुर्मू की उपस्थिति भारत-मॉरीशस विशेष साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
भारतीय मूल के लोगों ने कार्यक्रम में भाड़ी संख्या में भाग लिया। मॉरीशस में कार्यरत भारतीय मूल के अभियंता निशांत कुमार ने हमारे सहयोगी ईं आरके जायसवाल से फ़ोन पर बातचीत बताया कि हम-सब के विच भारतीय राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्म को उपस्थित देख कर खुशी का ठिकाना ना रहा वहीं हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। इस अवसर पे विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमे भारतीय मूल के अमृता राज, रविता, रीना, सिमती, मोक्षिता एवम अन्य महिलाओं ने भोजपुरी गीत पर नृत्य कर मॉरीशस और भारतीय संस्कृति एवम् भाषा के बीच संबंधों को बखूबी से दर्शाया। गौरतलब हो कि मॉरीशस में क्रियोल भाषा के साथ साथ भोजपुरी भी प्रमुखता से बोली जाती है। इस अवसर पे महामिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मॉरीशस की जनता को बधाई दी और भारत व मॉरीशस के पुराने संबंधों की भी चर्चा की।
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