महिला पहलवानों के साथ हुई बदसलूकी को क्या भुना पाएगा विपक्ष
बृजेश सिंह विशेष संवाददाता
बदलता स्वरूप गोंडा। स्वयं को देश की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली भारतीय जनता पार्टी बेहद संभल कर चल रही है, भाजपा ने अपनी पहली सूची में 195 उम्मीदवारों को अपना प्रत्याशी बनाया है, जिसमें 30 मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया गया। दूसरी सूची में भाजपा ने 33 मौजूदा सांसदों की उम्मीदवारी पर कैंची चला दी है। अभी तक घोषित 267 उम्मीदवारों की सूची घोषित करने वाली पार्टी ने अपने ही 53 सांसदों के टिकट पर कैंची चला दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगियों के साथ पूरे देश में 450 सीटों पर चुनाव लड़ेगी ऐसी संभावना है। यूपी की 80 सीटों में से 51 सीटों पर भाजपा अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है लेकिन देवीपाटन मंडल के सबसे बड़े बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह की कैसरगंज से उम्मीदवारी पर अभी तक सस्पेंस बरकरार है। बीजेपी ने तेलंगाना में 17 में 15 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, यूपी की 80 की रस्साकशी में भाजपा जीजान से जुटी है। गत दिनों जब यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ जब गोंडा आए तब चर्चा में कैसरगंज सांसद की गैर मौजूदगी चर्चा में बनी रही। जिससे सांसद के समर्थकों में भारी नाराजगी भी देखने को मिली। उन्होंने कैसरगंज सांसद के पुत्र सदर विधायक प्रतीक भूषण शरण सिंह की तारीफ भी की कहा यह तो हमेशा विकास कार्यों के लिए हमेशा बात करते रहते हैं लेकिन बात अगर बृजभूषण शरण सिंह की बात न की जाए तो यह राजनीतिक खबर अधूरी रह जाएगी। सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित सरकारी विज्ञापन व मंच पर लगी स्क्रीन में भी कैसरगंज सांसद का नाम शामिल नहीं था, जिसको लेकर कुछ लोगों में नाराजगी दिखाई दी, जिसे कुछ लोगों ने नजर अंदाज भी कर दिया। लोकार्पण के शिलान्यास वाली परियोजनाओं के शिलापट में कैसरगंज सांसद का नाम लिखा हुआ था वहीं महाराजा देवी भगत सिंह के नाम से बन रहे मेडिकल कॉलेज के शिलापट में करनैलगंज विधायक अजय कुमार सिंह के स्थान पर कुंवर अजय प्रताप सिंह लिखा हुआ था इसको लेकर भी खूब सवाल खड़े हुए। योगी ने मंच से गोंडा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह को जिताने की भी अपील की लेकिन एक बार भी कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह का नाम नहीं लिया जिसकी वजह से भी सांसद समर्थक दबी जुबान में असंतोष व्यक्त करते दिखे। सूचना विभाग की स्क्रीन व विज्ञापन से सांसद का नाम हटाए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कैसरगंज सांसद के समर्थकों का तर्क यह था कि अभी जून तक सांसद का कार्यकाल शेष है और जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकॉल होता है ऐसे में उनका नाम हटाया जाना जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। आज 16 जून को भाजपा की तीसरी सूची आनी है यदि आज भी बृजभूषण सिंह को टिकट नहीं मिला तो उनकी दावेदारी की हवा निकल जाएगी लेकिन ऐसा लगभग नामुमकिन प्रतीत होता है। इसके पीछे का तर्क यह है कि भाजपा बृजभूषण को नाराज कर देवी पाटन मंडल के समीकरण को बिगाड़ना नहीं चाहेगी। लेकिन टिकट देने का मामला बृजभूषण सिंह के दोनों पुत्रों प्रतीक भूषण शरण सिंह और करण भूषण शरण सिंह का नाम अफवाह में तैर रहा है कि इन दोनों दावेदारों में किसी एक को टिकट मिल सकता है लेकिन भाजपा सूत्रों के मुताबिक इस दावेदारी में तीन नाम और हैं जो बृजभूषण शरण सिंह के खासमखास बताए जाते हैं और यह लोग भी टिकट पाने की लाइन में हैं जिनमें से एक नाम बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी और गोंडा से ही पूर्व सांसद रहीं केतकी सिंह का भी है वहीं फिजाओं में करनैलगंज विधायक अजय कुमार सिंह व तरबगंज विधायक प्रेम नारायण पांडे भी हैं। टिकट किसी को भी मिले लेकिन कैसरगंज में इस बार भाजपा की राह आसान नहीं दिख रही है क्योंकि चुनाव में बृजभूषण और पहलवानों के विवाद को विपक्षियों द्वारा जमकर हवा दी जाएगी। जिससे माहौल भाजपा के विपरीत भी बन सकता है लेकिन मोदी लहर में विपक्षी इस मामले को कितनी हवा देकर कितने वोट बटोर पाएंगे देखने लायक होगा।
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