महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या धाम। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में वासुदेव घाट स्थित सिद्ध पीठ श्री राम वैदेही मंदिर के पूर्व महंत भगवान दास खड़ेश्वरी महाराज की 21वीं पुण्यतिथि पर बड़े ही धूमधाम से मनाया गया । एक सप्ताह पूर्व से ही कथा प्रवचन व भजन संध्या का के साथ-साथ समापन हो गया पूर्व महंत भगवान दास खड़ेश्वरी महाराज के चित्र पर संतों महंतों भक्तों शिष्यों ने फूल माला पहनाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। श्री राम वैदेही मंदिर के वर्तमान महंत राम प्रकाश दास ने सभी संतो को अंग वस्त्र व दक्षिणा भेंट कर स्वागत सत्कार किया। साथ ही उपस्थित संतों महंतों शिष्यों ने भोजन प्रसाद ग्रहण कर कृतार्थ किया । श्री राम वैदेही मंदिर के वर्तमान महंत राम प्रकाश दास ने पत्रकारों को बताया कि जब हमारे गुरु जी अयोध्या आए थे मां सरयू जी के गोद में एक छोटी सी झोपड़ी डालकर एक पैर पर दिन-रात खड़े होकर कई वर्षों तक तपस्या किया। माता सरयू की धारा श्री राम वैदेही मंदिर के गेट को छूकर बहती थी। गुरु जी ने आराधना व पूजा से ऐसी शक्ति प्राप्त थी की जो कोई इस मंदिर पर जाकर अपना अपील करता उसके काम जल्द पूरा होता था । हमारे गुरुजी भगवान दास खड़ेश्वरी प्रतिदिन बंदरों की सेवा गौ सेवा पंछियों की सेवा व संतों की सेवा प्रतिदिन करते थे ।
गुरु भगवान दास खड़ेश्वरी के अंदर विशेषता थी कि वह समय-समय पर पशु पक्षी व जानवरों की आवाज में बोली बोलकर अपने स्थान पर बुला लेते थे।वह अपने स्थान से कहीं नहीं जाते थे। 2003 में शरीर छूटने के बाद अपने प्रिय शिष्य राम प्रकाश दास को श्री राम वैदेही मंदिर का महंत सर्वसम्मत से बनाया गया तब से आज तक गुरु के बताए रास्ते पर चलकर निरंतर मंदिर का विकास करते आ रहे हैं । महंत राम प्रकाश दास की कृपा अपने भक्तों पर विशेष रहती है।