अयोध्या पहुँचे परिवार समेत असम के राज्यपाल

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या। असम के गवर्नर गुलाबचंद कटारिया अयोध्या में परिवार व राजभवन स्टाफ के साथ राम लला का किया दर्शन पूजन।सरयू में किया नौका विहार।नौका विहार के दौरान उन्होंने घाटों का लिया जायजा। अपने सब परिवार के साथ सरजू नदी में नौका विहार करते हुए उनकी लड़की का मोबाइल गिर गया जो जल पुलिस के प्रभारी रूबे प्रताप मौर्य,कांस्टेबल नित्यानंद यादव गोताखोर अमित माझी तीन-चार साथियों के साथ पानी में गोता लगाकर खोजबीन किया गया।जो मिल गया अतिसराहनी कार्य किया गया।राज्यपाल महोदय द्वारा सभी का प्रशंसा किया गया। सर्किट हाउस में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया का बयान, भगवान राम लला का दर्शन करने का सौभाग्य मिला, मैं बहुत भाग्यशाली हूं।मैं 1992 के कारसेवा में भी शामिल रहा, जब यह ढांचा गिरा था तब एक कारसेवक के रूप में इसी मैदान में मौजूद रहा, उस समय ये छोटी जगह थी, आज भव्य रूप लेकर भव्य और दिव्य मंदिर बना है।गुलाबचंद कटारिया ने भगवान राम लला की मूर्ति की किया तारीफ, कहा राम लला की जो मूर्ति बनाई गई है, मूर्ति की आंखें, चेहरा मुख मंडल, उसको देखकर ऐसा लगता है भगवान राम साक्षात खड़े हैं।1992 के दौरान हनुमानगढ़ी ही सबसे बड़ा श्रद्धा का केंद्र था, जहां सब लोग जाकर दर्शन करते थे, 1992 में 5,7 दिन रहने का मौका मिला था तो घूम-घूम कर अयोध्या में दर्शन पूजन करने का मौका मिला, सरयू स्नान करने का भी मौका मिला था, यह सब सौभाग्य मिला, 500 साल का जो समाज का कलंक था जिसके लिए कई पीढियो ने संघर्ष किया अपना बलिदान, दिया प्रभु की इच्छा थी नरेंद्र मोदी के इस निर्णय पर, कोर्ट फैसला करें इसको टाले नहीं और कोर्ट ने लगातार सुनवाई करके पहला जजमेंट कोई दिया जिसे हिंदू और मुसलमान दोनों ने स्वीकार किया।राजनीति पर बोले राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, कहा राजनीति में जो भ्रष्टाचार है वह हर लेवल पर समाप्त होना चाहिए, हम जनता के सेवक हैं चाहे राज्य कर्मचारी हैं चाहे हम जनप्रतिनिधि हो, जनता के टैक्स से ही हम सब लोग पलते हैं अपने सब साधन जुटाते हैं, तो जनता की इमानदारी से सेवा करें, यह प्रभु राम हमें आशीर्वाद दें, हनुमान जी से भी प्रार्थना है देश जिस दिशा में आगे बढ़ा है लेकिन अभी पूर्णता की ओर नहीं आया है, अब देश पूर्णता की ओर आए।मथुरा काशी पर बोले गुलाबचंद कटारिया, कहा जो कानूनी दांव पेच के आधार पर हुआ है यह निर्णय किसी व्यक्ति और पार्टी ने नहीं किया है यह भी कोर्ट ने किया है, उसका निर्णय भी कोर्ट ही करेगी और कोर्ट के निर्णय को सब लोग मानेंगे।