बृजेश सिंह विशेष संवाददाता
बदलता स्वरूप गोंडा। 18वीं लोकसभा के चुनाव की घोषणा के बाद से ही राजनीतिक दलों खासकर क्षेत्रीय दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की चूल्हे हिली हुई दिख रही हैं। 24 का चक्रव्यूह भेदने के चक्कर में सब अभिमन्यु से अर्जुन बनने के प्रयास में हैं। कौन भेदेगा 24 का चक्रव्यूह यह तो जनता बटन दबाकर ही बताएगी। लेकिन कोई भी दल किसी भी तरह की राजनीतिक कोताही से बचने की जुगत में लगा है। क्षेत्रीय दलों के खेमे में खलबली मची है, कोई बीजेपी से नाराज होकर सपा में जा रहा है तो कोई बीजेपी ज्वाइन कर रहा है। कहने का अभिप्राय यह है कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के पेट का पानी हिला हुआ है किसी को लगता है कि वह मोदी की यूपी की 80 में रस्साकसी मोदी से कर सकता है तो कोई योगी के जाल को तोड़ने में उलझा है। प्रदेश में अभी तक भाजपा को कोसने वाले यह कहकर भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं कि फला पार्टी तो सनातन का सम्मान नहीं करती, कोई जो सनातन को अनाप-शनाप कहता है वह ही उस दल को छोड़ देता है कि उसकी बात का कोई महत्व ही नहीं दिया जा रहा है। बात करते हैं गोंडा की, तो यहां हालात बद से बदतर है। विकास के नाम पर गोंडा में क्या हुआ है इस पर बड़ी बहस हो रही है। कहने का मतलब यह है कि दिल्ली में बैठकर प्रधानमंत्री ने विकास का जो एजेंडा सेट कर दिया है, उस पर सभी राजनीतिक दल उलझ गए हैं क्योंकि विकास पूरे देश में हुआ है। प्रत्यक्षं किम प्रमाणं की तर्ज पर राजनीतिक दल बेहद हैरान परेशान हैं। पूरे प्रदेश में अगर त्रिकोणीय चुनाव हुआ तो इसका फायदा भाजपा को मिलना तय है, पूरे प्रदेश में 80 में से 62 सीट भाजपा 2019 के चुनाव में जीत चुकी है। जिसमें उसे 49.56 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे वहीं बसपा को 10 सीट मिली थी और उसका मत प्रतिशत 19.6 था। वहीं सपा को मात्र 5 सीट मिली थी और उसका मत प्रतिशत था 17.96, कांग्रेस को मात्र एक सीट मिली थी और उसका मत प्रतिशत था 6.31 वही दो सीट अपना दल यस को मिली थी और उसे 1.2 प्रतिशत वोट मिला था। यूपी में आने वाली लोकसभा की 80 में से 17 सीट एससी के लिए सुरक्षित थी, उसमें भी भाजपा ने अपना परचम लहराया था। राम मंदिर मुद्दा भी भाजपा के पक्ष में माहौल बना रहा है। 2019 में भाजपा ने अपना दल यस और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया था वहीं कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा था विपक्षी गठबंधन सपा बसपा रालोद मिलकर चुनाव लड़ी थी। वहीं 24 के समीकरण बिल्कुल इसके उलट है, 24 के चुनाव में राजग के घटक दलों में भाजपा, अपना दल यस, निषाद पार्टी, रालोद और सुभासपा है। वहीं विपक्षी गठबंधन में सपा और कांग्रेस है, इस बार बसपा ने अपने दमखम पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है। 2019 में पूरे प्रदेश में 14,61, 34,603 मतदाता थे। जिसमें महिला मतदाता 6, 70, 55,997 थी। वहीं पुरुष मतदाता 7,90,70,809 थे और थर्ड जेंडर के मतदाता 7797 थे और कुल 59.01% मतदान हुआ था। इस बार 24 के चुनाव में 15.29 करोड़ मतदाता हैं जिसमें 8.5 करोड़ पुरुष और 7.15 करोड़ महिला मतदाता है और थर्ड जेंडर के मतदाताओं की संख्या 7705 है। इस बार के चुनाव में पहली बार मतदान करने जा रहे 18 से 19 साल के मतदाताओं की संख्या 20.41 लाख है जिसमें 13.15 लाख पुरुष और 7.5 लाख महिलाएं हैं। किसका राजतिलक करेंगे यह देखने लायक होगा।
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