महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या। प्रसिद्ध पीठ श्री अशर्फी भवन में चैत्र रामनवमी के अवसर में विविध धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हैं। श्री रामचरितमानस पारायण पुरुष सूक्त श्री सूक्त पाठ भगवान श्री लक्ष्मी नारायण का आगम पद्धति से पूजन अर्चन नित्य किया जा रहा है ।आज अशर्फी भवन के आराध्य भगवान श्री लक्ष्मी नारायण के वार्षिक उत्सव के उपलक्ष में भगवान श्री लक्ष्मी नारायण का महा अभिषेक 111 कलश द्वारा सरयू जल गौ दूध दही घी मधु केसर सर्व औषधि जल एवं फलों के जूस से वैदिक सूक्क्त पाठ से किया गया। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री धराचार्य महाराज श्री ने भगवान के अर्चा विग्रह का महत्व बताते हुए कहा हम सभी जीव प्रभु के अंश हैं एवं प्रभु ही हमारे अंशी हैं। जीवन में बिना प्रभु भक्ति कुछ भी संभव नहीं है । अतः हमें निरंतर प्रभु के स्मरण चिंतन भजन में लगे रहना चाहिए । महाराज श्री ने कहा आज 500 वर्षों बाद प्रभु श्री राम लला अपने निज मंदिर में विराजमान हो गए हैं यह बड़ा ही सौभाग्य है । इस रामनवमी में हम प्रभु श्री राम का दर्शन उनके निज मंदिर में करेंगे।सभी मनुष्यों को मानवता की शिक्षा देने के लिए प्रभु मनुष्य रूप में सप्त पूरियो में प्रतिष्ठित श्री अवधपुरी में पधारते हैं। भगवान श्री राम के जीवन चरित्रों में से एक चरित्र भी हम अपने अंदर उतार लें तो निश्चित ही हमारे मानव जीवन में कली का प्रभाव व्याप्त नहीं होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम प्रभु के सभी जीवन चरित्र प्रेरणास्पद हैं श्री अवधपुरी में एक क्षण निवास कर लेने से करोड़ों जन्मों के हमारे पाप नष्ट होते हैं और पुण्य उदित हो जाते हैं भगवान का पुष्पों से दिव्य श्रृंगार किया गया मध्यान में वृहद भंडारे का आयोजन हुआ सभी भक्तजन भगवान का अभिषेक दर्शन एवं प्रसादी पाकर आनन्दित हों गए।
