महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या l मकराना राजस्थान से पधारे श्री सीताराम रांडद परिवार द्वारा आयोजित श्री मद भागवत कथा में व्यास पीठ पर विराजमान जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामीश्री श्री धराचार्य जी महाराज ने कथा के मार्मिक प्रसंगों का श्रवण कराते हुए कहा भक्त वत्सल प्रभु माया रूपी पूतना को भी उत्तम गति प्रदान करते है प्रभु श्री कृष्ण शिक्षा देते हैं व्यक्ति चाहे दुष्ट भाव से ही क्यों नहीं यदि मेरी शरण में आ जाता है तो प्रभु श्री कृष्ण का गुण है शरणागत रक्षक हैं प्रभु नंद बाबा ने गर्गाचार्य जी महाराज को बुलाकर नामकरण संस्कार कराया श्रीकृष्ण को गोद में लेकर गर्गाचार्य जी की समाधि लग गई मां यशोदा ने कहा बाबा आप नामकरण संस्कार करने आए हैं कि सोने गर्गाचार्य जी बोले मां प्रभु दर्शन के लिए ही तो मैंने पुरोहित कर्म को अपनाया है नामकरण संस्कार करते हुए मां यशोदा से कहते हैं मां तेरे लाला के अनेकों नाम होंगे मां तेरा लाला अपनी लीला से सभी को आनंद देगा भगवान श्री कृष्ण के सभी संस्कार गर्गाचार्य जी यथा समय पूर्ण करते है बचपन से ही प्रभु श्री कृष्ण अनेको राक्षसों का संहार करते हैं प्रभु माखन चोरी लीला के माध्यम से जन्म जन्मांतरों के पाप को चुराकर पुण्य उदित करने हेतु गोपियों के घर जाकर माखन चोरी लीला करते हैं प्रभु गोचारण करने वन में जाते हैं गौ माता की सेवा नित्यप्रति करते हैं गौ माता के महत्व को बताते हुए प्रभु कहते हैं गाय संपूर्ण विश्व की माता है गो सेवा से ही गोविंद प्रसन्न होते हैं यमुना जी के विषाक्त जल को पवित्र करने के लिए कालिया नाग को प्रभू सरण में लेकर दूर भेज ते है ब्रज में प्रभु श्री कृष्ण के जन्म लेने से नित्य उत्सव मनाया जाते हैं: प्रभु श्री कृष्ण का दर्शन पाकर सभी बृजवासी अपने को धन्य समझते है गिरिराज धरण की लीला के द्वारा प्रभु प्रकृति के पूजन का महत्व बताते हैं प्रभु श्री गोवर्धन पर्वत की पूजा सभी ब्रज वासियों से कराते हैं इंद्र सामंत मेघों के द्वारा ब्रज में घोर वृष्टि कराते हैं सभी ब्रजवासियों के देखते-देखते कनिष्ठा अंगुली में सात कोस लंबे चौड़े गिरिराज पर्वत को उठा लेते हैं घबराकर इंद्र प्रभु चरणों में शरणागति करते हैं शरण में आए इंद्र को प्रभु अपना लेते हैं गोवर्धन लीला का महोत्सव अशर्फी भवन में धूमधाम से मनाया गया भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद लगाया गया रांडद परिवार के सभी भक्तजन कथा को सुनकर हर्ष का अनुभव कर रहे है भक्तजन कथा में पधारकर अपने जीवन को धन्य करें।
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