अयोध्या में मंदाकिनी बोरा की सुपरहिट भजन पधारे घर अपने राम का हुआ लॉन्चिंगमहेन्द्र कुमार उपाध्याय बदलता स्वरूप अयोध्या धाम l मंदाकिनी बोरा यूट्यूब चैनल पर राम भक्त सुन सकेंगे यह भजन प्रभु “राम” के शब्द की व्याख्या को ब्रम्हांड की समस्त लिपियों में भी नहीं किया जा सकता है, किन्तु फिर भी हमारा ये प्रयास सागर में एक बूँद जैसा है। अयोध्या धाम में मंदिर का निर्माण मात्र एक मंदिर ही नहीं अपितु सनातन धर्म में विश्वास रखने बालों की आस्था एवं जगत कल्याण का एक प्रतीक है। हमारा गीत पधारे घर अपने राम मात्र एक गीत ही नहीं अपितु सत्य की जीत का एक उदहारण भी है जो हमने हमारे प्रभु राम से सीखा है। प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के क्रम को निरंतरता प्रदान करते हुए मन्दाकिनी बोरा द्वारा सुरों से सजाया हमारा नया गीत “पधारे घर अपने राम” जवास के अवसर के परिक्रम में भक्ति, भावना, प्यार, एकजुटता और अतिरिक्त रंग को आगे बढ़ाते हुए प्रभु चरणों में आज राम मंदिर परिसर की पावन भूमि ‘रंग महल” में समर्पित है। इस गीत को प्रभु के चरणों में समर्पित करने का शुभ कार्य रंग महल के महाराज जी श्री श्री 108 पीठाधीश्वर महंत राम शरण दास जी के कर कमलों द्वारा किया गया। महाराज जी ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि रंग महल एक पावन सिद्धपीठ है, जहाँ राम लला जी ने अपना बाल्य काल थातील करा है, और मन्दाकिनी जी द्वारा संगीतबद्ध वे भजन प्रभु के आशीर्वाद एवं उनकी चरणों में समर्पित करने के लिए परिपूर्ण रूप से उपयुक्त है। रंग महल की महत्ता के बारे में बताते हुए महाराज जी ने कहा कि वे ऐसी सिद्ध पीठ है, जहाँ दशरथ जी के चारों नंदन श्री राम, भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न जी ने अपना बाल्य काल बिताया तथा सम्पूर्ण भारत वर्ष में यही एक ऐसा मंदिर प्रांगण है जहाँ चारों भाई अपनी पत्नित्यों के साथ विराजमान हैं l इसी प्रांगण में चारों भाई विवाह के उपरांत अपनी पत्नियों के साथ माता कौशल्या का सर्व प्रथम आशीर्वाद लेने आये थे। इसके उपरान्त माँ कौशल्या ने माता सीता को मुँह दिखाई में ये महल भेंट स्वरुप दिया था। विवाह एवं मुँह दिखाई की रस्म के पश्चात् होली का त्योहार आने वाला था जिसमे चारों भाइयों ने अपनी पत्नियों के साथ रंग महल में ही होली का उत्सव मनाया था और तदोपरांत ही इस जगह का नाम रंग महल पड गया था। गाने के बारे में बोलते हुए गायिका मन्दाकिनी बोरा ने अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा की इस गीत के माध्यम से हमारा लक्ष्य ऐतिहासिक उत्सव के सार को पकड़ने और इसकी संक्रामक ऊर्जा को दूर-दूर तक फैलाना है। रचनाकारों के बारे में गायिका मन्दाकिनी बोरा एक सुप्रसिद्ध गायिका है जो अपने गायन से जादू बुनने की क्षमता के लिए जाने जाती हैं। संगीत जावेद हुसैन द्वारा रखा गया है। निर्देशक नरेश शाह ने भावनाओं के सार को अपने कैमरे में कैद करने कि कला को बेहतरीन ढंग से निभाया है। परिधान राहुल डालमिया एवं सोनल कलाकरों को मनमोहित रूप प्रदान करने का कार्य अचला शुद्ध एवं रवीना द्वारा किया गया है। गीत की विशेषता में सीता माता के रूप में पंछी केडिया, राम के रूप में कबीर एवं लक्ष्मण के रूप में अमन ने एक उल्लेखनीय भूमिका निभाई l प्रोडक्शन हाउस मन्दाकिनी प्रोडक्शन, एग्जीक्यूटिव प्रोडूसर विजय तिवारी , सहयोग आभार पुजारी साकेत दास जी एवं छोटू भैया रंग महल, अयोध्या गणमान्य उपस्थिति आचार्य नारायण मिश्रा जी, श्री पंकज पांडेय जी आईपीएस, श्री अंजनी चतुर्वेदी जी सी ओ इंटेलिजेंस मौजूद रहे l
