05 वर्षों से अधिक अवधि से लंबित वादों के निस्तारण में भी पहले स्थान पर है गोण्डा
एक माह में 05 वर्षों से अधिक अवधि से लंबित रिकॉर्ड 7971 वादों का हुआ निस्तारण
सीएम योगी के निर्देश और डीएम नेहा शर्मा की सख्ती से जनपद में लंबित राजस्व वाद के निस्तारण में देखने को मिल रही है तेजी
गोण्डा। उत्तर प्रदेश में लंबित राजस्व वादों के निस्तारण को लेकर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश और जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा जनपद गोण्डा में इसके कड़ाई से अनुपालन का नतीजा है कि जनपद गोण्डा प्रदेश में राजस्व वादों के निस्तारण में सबसे आगे निकल गया है। नामांतरण, वरासत, पारिवारिक बंटवारे, पैमाइश जैसे आमजन से जुड़े राजस्व वादों के निस्तारण में जनपद ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। बीते करीब नौ महीने में गोण्डा में 47,534 राजस्व वादों का निस्तारण सुनिश्चित किया गया है। इसमें, सिर्फ एक माह (जून 2024) में प्रति न्यायालय औसत लंबित वादों की संख्या में रिकॉर्ड 392.14 का अंतर आया है। जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है। इस रैंकिंग में प्रयागराज दूसरे और अयोध्या जनपद तीसरे स्थान पर रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितंबर 2023 को पूरे प्रदेश में लंबित राजस्व वादों के त्वरित और गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश और अध्यक्ष, राजस्व परिषद के स्तर से नियमित गहन समीक्षा की जा रही है। जनपद गोण्डा में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने राजस्व वादों के निस्तारण में सख्ती दिखाई है, जिसका नतीजा है कि निस्तारण में तेजी देखने को मिली है। जनपद गोण्डा में 16 सितंबर 2023 को लंबित राजस्व वादों की संख्या 70301 थी, जो 30 जून 2024 तक 22767 तक पहुंच गई।
15,889 वादों का निस्तारण
जनपद में 05 साल से अधिक अवधि के राजस्व वादों की संख्या में भी भारी कमी आई है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के प्रयासों से सिर्फ एक महीने में ही रिकॉर्ड 7971 वादों का निस्तारण कर दिया गया है, जिसके लिए प्रदेश सरकार की रैंकिंग में जनपद गोण्डा को पहला स्थान प्रदान किया गया है। 16 सितंबर 2023 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, उस समय 17731 वाद लंबित थे, जो 30 जून 2024 यानी नौ महीने में सिर्फ 1842 पर आ गए हैं।
नामांतरण, वरासत, पारिवारिक बंटवारे, पैमाइश जैसे आमजन से जुड़े राजस्व वादों का समय पर निस्तारण माननीय मुख्यमंत्री जी की शीर्ष प्राथमिकता में हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी की इस मंशा को पूरा करने के लिए जनपद गोण्डा में विशेष रणनीति के साथ काम किया गया। शुरुआत पांच साल और उससे अधिक समय से लंबित वादों के निस्तारण के साथ की गई। बीते नौ महीने में हमारी टीम ने 15000 से ज्यादा ऐसे वादों का निस्तारण किया है। जनपद गोण्डा के लेखपाल, राजस्व निरीक्षक आदि राजस्व कर्मियों की मेहनत और कार्यकुशलता के कारण आमजन को ससमय न्याय उपलब्ध कराने की मंशा पूरी हो पा रही है।
—नेहा शर्मा, जिलाधिकारी गोण्डा।
टॉप 10 जनपदों की सूची
नोट: जनपद के कुल न्यायालयों के सापेक्ष लंबित वादों का प्रति न्यायालय औसत के अनुसार
रैंक जनपद
- गोण्डा
- प्रयागराज
- अयोध्या
- सहारनपुर
- रायबरेली
- जौनपुर
- प्रतापगढ़
- कुशीनगर
- सन्त रविदास नगर
- औरैया
टॉप 10 जनपदों की सूची
नोट: 5 वर्ष से अधिक अवधि से लंबित वादों में अंतर के अनुसार
- गोण्डा
- प्रयागराज
- मैनपुरी
- जौनपुर
- रायबरेली
- अयोध्या
- प्रतापगढ़
- देवरिया
- सन्तकबीर नगर
- बलरामपुर
ऐसे बदली जनपद गोण्डा की तस्वीर
- नामांतरण (धारा 34) के वादों की संख्या 32041 से घटकर 8825 हो गई है।
- पैमाइश (धारा 24) के कुल वाद आधे से भी कम रह गए हैं। यह संख्या 2729 से घटकर 1080 पर पहुंच गई है।
- कृषक से अकृषक घोषणा (धारा -80) से संबंधित वाद 887 से घटकर 123 ही रह गए हैं।
- कुर्रा बटवारा (धारा 116) के वादों की संख्या 3932 से घटकर 1725 रह गई है।
नोटः दिनांक 16.09.2023 के सापेक्ष दिनांक 29.06.2024 की स्थिति के आधार पर।