निलंबन वापस न होने पर प्रदेश प्रदर्शन की तैयारी
आनन्द गुप्ता
बदलता स्वरूप बहराइच। लगभग 25 करोड़ की जनसंख्या वाला उत्तर प्रदेश विश्व में 4 देशों को छोड़कर सभी देशों से बड़ा है और यहाँ ब्राह्मणों की आबादी 12% है और वे एक प्रमुख मतदाता समूह हैं। ब्राह्मण शिरोमणि आईपीएस जुगल किशोर तिवारी डीआईजी अग्निशमन लखनऊ के निलंबन विरोध की चिंगारी बहराइच में भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है।आज दीवानी परिसर में अधिवक्ताओं के एक बड़े समूह मध्य राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र शुक्ला एडोकेट ने जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र दत्त शर्मा ज्ञानी, जिला संयोजक ओम प्रकाश त्रिपाठी डब्लू , उपेन्द्र त्रिपाठी, अभिलाषा दूबे, अर्चना मिश्रा, अंजू मिश्रा, अर्चना दीक्षित, राकेश नाथ त्रिपाठी, अभिषेक त्रिपाठी, अधिवक्ता साथीयों की मौजूदगी में विरोध जताया और कहा कि यदि उनका निलंबन शीघ्र वापस न किया गया तो समाज पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगा। अभी मौखिक तौर पर राष्ट्रपति और केंद्रीय गृहमंत्री से अपील कर कहा गया कि जुगल किशोर तिवारी का निलंबन द्वेष भावना से किया गया है। हाथरस के योगेश उपाध्याय की हत्या के बाद उनके यहां पहुंचकर शोक व्यक्त करना सरकार को नागवार गुजरा। आचरण उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनको निलंबित किया गया है। अधिवक्ता साथियों ने कहा कि सज्जन सुशील योग्य कर्मशील क्षमावान दयावान कर्मठ प्रतिभाशाली प्रशासक को अयोग्य व्यक्तियों के द्वारा मुख्यमन्त्री जी को अनुचित सलाह दी गई पर एक विवेक हीन फैसले के द्वारा निलम्बन किये जाने का हम सभी विरोध करते हैं और मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करते हैं कि ऐसे विवेक हीन अधिकारियों की बातों पर विचार न करके देश और सनातन समाज के प्रमुख स्तम्भ जुगुल किशोर जो कि एक इमानदार कुशल प्रशासनिक अधिकारी है उनका निलम्बन बहाल किया जाए। राष्ट्रपति और केंद्रीय गृहमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए जुगल किशोर तिवारी के निलंबन वापस करने की मांग की गई है।