महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या। धर्मनगरी के महात्मा भवन कटरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में साेमवार काे बताैर मुख्य अतिथि पधारे अयोध्या तीर्थ पुराेहित धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश महाराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को पुण्य की
प्राप्ति हाेती है। श्रीमद्भागवत कथा हमें मुक्ति तक ले जाती है। कथा हमारे जीवन की व्यथा को मिटाती है। मध्य प्रदेश से पधारे राष्ट्रीय कथाव्यास पंडित सत्येंद्र कृष्ण महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा क्रम काे आगे बढ़ाते हुए कहा कि नंद बाबा ने गर्गाचार्य को बुलाकर भगवान का नामकरण संस्कार कराया। श्रीकृष्ण को गोद में लेकर गर्गाचार्य जी की समाधि लग गई। मां यशोदा ने कहा बाबा आप नामकरण संस्कार करने आए हैं कि सोने। गर्गाचार्य बोले मां प्रभु दर्शन के लिए ही तो मैंने पुरोहित कर्म को अपनाया है। वह नामकरण संस्कार करते हुए मां यशोदा से कहते हैं मां तेरे लल्ला के अनेकों नाम होंगे। मां तेरा लल्ला अपनी लीला से सभी को आनंद देगा। भगवान श्री कृष्ण के सभी संस्कार गर्गाचार्य यथा समय पूर्ण करते हैं। बचपन से ही प्रभु श्रीकृष्ण अनेको राक्षसों का संहार करते हैं। प्रभु माखन चोरी लीला के माध्यम से जन्म जन्मांतरों के पाप को चुराकर पुण्य उदित करने हेतु गोपियों के घर जाकर माखन चोरी लीला करते हैं। वे गोचारण करने वन में जाते हैं। गौ माता की सेवा नित्यप्रति करते हैं गौ माता के महत्व को बताते हुए प्रभु कहते हैं कि गाय संपूर्ण विश्व की माता है। गो सेवा से ही गोविंद प्रसन्न होते हैं। यजमानगणाें द्वारा व्यासपीठ की दिव्य आरती उतारी गई। इससे पहले कथा के मुख्य यजमान ने अयाेध्या तीर्थ पुराेहित धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश महाराज का अंगवस्त्र ओढ़ा एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया। अंत में कथा विश्राम पर भक्तजनों को प्रसाद बांटा गया। इस अवसर पर जानकीघाट बड़ास्थान के पुजारी गगनदेव शरण, महात्मा भवन के सियाराम दास समेत मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक प्रांताें से पधारे हुए भक्तगणों भगवान की मंगलमयी कथा का रसपान कर जीवन सार्थक बनाया
