शहर के तालाबों का अस्तित्व खतरे में राजेश सिंह

बदलता स्वरूप गोंडा। जहां एक तरफ प्रदेश सरकार सरकारी जमीनों और तालाबों से अवैध कब्जों से मुक्त करने का फरमान जारी कर रही है। वहीं विभागीय अधिकारी सरकारी फरमान को ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं, सरकारी जमीनों और तालाबों पर विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से अतिक्रमण जारी है और जिला प्रशासन शिकायत के बाद भी मूकदर्शक बना तमाशा देख रहा है। बताते चलें कि पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा खलील टायर सहित कई लोगों को भू माफिया घोषित करते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की थी लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई थी बीते 7 सितंबर 24 को खलील टायर और चांद बाबू को नगर पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। वहीं वार्ड नंबर 21 के सभासद एवं भाजपा नेता आशीष मोदनवाल ने सिटी मजिस्ट्रेट को एक लिखित शिकायत पत्र दिया था, जिसमें शिकायत की गई है की राजा और मीणा टेंट हाउस के सामने राधा कृष्ण मंदिर के बगल अवैध निर्माण किया जा रहा है, लेकिन शिकायत के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई है, ठीक यही हाल नगर के तालाबों का है जिस पर भू माफिया द्वारा अतिक्रमण करके या तो मकान बना लिया गया है या फिर बिक्री कर दिया गया है। बताते चलें कि पूर्व में पानी निकास के लिए नगर में दर्जनों तालाब अस्तित्व में थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण इन तालाबों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। अगर समय रहते जिला प्रशासन के द्वारा इन तालाबों का निरीक्षण करके भूमाफियाओं पर कार्यवाही नहीं की गई तो इन तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और आने वाले समय में शहर वासियों को बरसाती पानी की विकराल समस्या से जूझना पड़ सकता है। इस को लेकर हमारे संवाददाता ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से उनके सीयूजी नंबर पर संपर्क करना चाहा लेकिन फोन नहीं उठा।