महेन्द्र कुमार उपाध्याय बदलता स्वरूप अयोध्या। भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्थी का दिन शिव और पार्वती के पुत्र भगवान गणपति गणेश के जन्म का प्रतीक है। गणेश उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले पर्व को गणेश कुंड पर गणेश महोत्सव समिति द्वारा आज का दिन बड़े ही धूमधाम से उत्सव के साथ मनाया गया। गणेश कुंड पर सायं काल को आचार्य मंगलाचार्य पाठक के द्वारा प्रमुख यजमान डॉ आदित्य दुबे की उपस्थिति में भगवान गणेश जी का विधिवत पूजन अर्चन कराया गया। पूजन के उपरांत तिवारी मंदिर के महंत तथा अयोध्या नगर निगम के महापौर और गिरीश पति त्रिपाठी ने शिव पुराण में भगवान गणेश के जन्म से संबंधित बड़ी ही रौचक कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान गणेश जी का जन्म माता पार्वती के द्वारा उनके शरीर पर लगाये हल्दी के उबटन से भगवान गणेश का जन्म हुआ। माता पार्वती ने अपना उबटन इकट्ठा कर उससे एक पुतला बनाया तथा पुतले में प्राण डाल दिया और विनायक नाम रखा। इसी कारण से गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। विधि विधान पूर्वक पूजन उपरांत महा आरती का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से लश्करी मंदिर के महंत उमेश दास, वीर हनुमान मंदिर के महंत कौशल्यानंद वर्धन मिश्रा, महंत अमरजीत दास, इंजीनियर रवि तिवारी, स्थानीय पार्षद विनय जायसवाल, भवानी शंकर त्रिपाठी, श्रीनिवास शास्त्री, डॉ उपेंद्र मणि त्रिपाठी अतुल चतुर्वेदी, डॉ देवेश मणि त्रिपाठी, हरिश्चंद्र शुक्ला, रमेश गुप्ता राणा, अवध बिहारी साहू, सुनील अवस्थी, दुर्गेश पांडे, डा सत्येंद्र गुप्त, विजय सिंह, अभय मिश्रा, विनोद पाठक, जानकी महल के पुजारी पंकज मिश्र आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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