रुक्मणी विवाह पर झूमे भक्त
बदलता स्वरूप गोन्डा। रानी बाजार स्थित श्रीराम जानकी मारवाड़ी धर्मशाला में पोखरमल रंगलाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह के षष्ठ दिवस की कथा प्रारम्भ करते हुए आचार्य चन्द्र दत्त सुबेदी ने कहा भगवान भक्तों के वस मे रहते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान के नाम रूप लीला धाम का आश्वादन ही भक्ति है। संसार को भगवान स्वरूप मान कर उसकी सेवा करनी चाहिए। यदि भगवान के अतिरिक्त संसार की कल्पना कर यदि उसकी सेवा करते हैं तो हमें बन्धन की प्राप्ति होगी। कथा को आगे बढ़ाते हुए आचार्य सुवेदी ने रास का रहस्य बताया कि रस के समूह को रास कहते हैं गोपियां उस रसका बहुत प्रकार से सेवन करती हैं अतः हम उसे महारास कहते हैं। भगवान श्री कृष्ण के गोकुल से मथुरा जाने की करुण कथा सुन कर सभी श्रोताओं के नेत्र सजल हो गये। कंसवध के पश्चात् रुक्मिणी हरण एवं उनके विवाह की कथा श्रवण कर श्रद्धालु झूम उठे। और भगवान की झांकी भी निकाली गई ।कथा के दौरान राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल एडवोकेट, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, पंकज अग्रवाल एडवोकेट, अंशुमान अग्रवाल, अर्चित अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, संजय अग्रवाल, सुशील जालान, अजय मित्तल, सचिन सिंघल, चिंटू अग्रवाल, आयूष केडिया, मनीष केडिया, शोभा अग्रवाल, सरोज अग्रवाल, अंजनाअग्रवाल, स्वाति अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, विनीता सिंघल सहित अन्य लोग मौजूद रहीं।
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