इसरार अहमद बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जनपद मे लम्बे समय से शहर और कस्बे के साथ साप्ताहिक बाज़ारो मे लगने वाली दुकानों मे नकली सरसों के तेल की बिक्री जारी है।यह दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए तेल में मिलावट कर ब्रांडेड कम्पनियों के लेबल लगाते हैं और लोगों को असली के नाम पर नकली तेल बेच रहे हैं। जिसका सेवन करने वाले की सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं। इसको लेकर समय-समय पर कुछ लोगों ने शिकायत भी की, लेकिन विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न होने से इनके हौसले बहुत बुलंद है।जानकारी के अनुसार तहसील जमुनहा के शहरी समेत ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों खुला व मिलावटी खाद्य तेलों की बिक्री जोरों पर है। मिलावट का खेल वैसे तो पूरे साल चलता है, लेकिन त्योहारों और शादियों के सीजन में मांग बढ़ने से मिलावट खोरी और बढ़ जाती है। इस दौरान सबसे ज्यादा रिफाइंड व सरसों के तेल की मांग होती है। महंगाई की वजह से सरसों के तेल में मिलावट की जड़ें इलाके में मजबूती से फैली हुई है। शहर और ग्रामीण इलाकों मे स्थित दुकानों पर नकली सरसों का तेल भी खूब बिक रहा है। जमुनहा बाजार,कानीबोझी चौराहा एवं वीरगंज बाजार, नासिरगंज बाजार और मिर्ज़ापुर चौराहा सहित अन्य कस्बे व बाजार मे स्थित अधिकतर दुकानों पर थोक में मिलवटी सरसों तेल मिल रहा है। वहीं पुलिस चौकी बदला कस्बे मे तो यह मिलावटी तेल बड़े ब्रांड से मिला जुला नाम से खुलेआम बेचा जा रहा है। सरसों की तेल में मिलावट करने वाले अधिक मुनाफा के चक्कर में लोगों की जान से खुला खिलवाड़ करते हैं। नकली खुला सरसों का तेल तो बिकता ही है विभिन्न ब्रांड के नाम पर भी नकली खुला तेल बेचा जाता है। इसमें पाम आयल, राइस ब्रान, सोया आयल मिलाकर सरसों का तेल बनाते है। इसके बाद असली से कम दामों में बेच रहे है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि सस्ते दामों में मिलने वाले इन तेलों की खासियत यह होती है कि इनमें किसी तरह की खुशबू नहीं होती है और मिलावटखोर इसी का फायदा उठाते हैं। इस समय घटिया व मिलावटी खाद्य तेल धड़ल्ले से बिक रही है। लेकिन इसकी जानकारी होने और शिकायतें मिलने के बाद भी खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से इसके रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।*बडे स्तर पर चल रहा यह कारोबार*जमुनहा के बस स्टैंड चौराहे के पास बड़े स्तर पर नकली तेल तैयार करने का कारोबार बड़े पैमाने में चल रहा है और यहां से कनस्टरों में पैक कर दुकानों में भेजा जाता है और वह ग्राहकों को बेचा जा रहा है। इसको लेकर करीब एक वर्ष पहले कुछ स्थानों में कार्रवाई की गई थी। इस दौरान कार्रवाई के बाद मामला शांत हो गया और फिर से यह कारोबार शुरू हो गया है। लेकिन इसको लेकर जिम्मेदार विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।*दुकानदार कर रहे इसका उपयोग*शहर और कस्बे में कई होटल व भजिया समोसा आदि दुकानदार सस्ते दामों में यह तेल खरीद रहे हैं और इसका उपयोग कर रहे हैं। जिससे उन्हें अधिक मुनाफा मिल सके। लेकिन इससे इस तेल से बनी सामग्री लोगों के लिए हानिकारक है। वहीं जानकारों की माने तो यह बाहर से टैंकरों में आने वाले घटिया और सस्ते राइस ब्रान (धान की भूसी का तेल) में मस्टर्ड की सुगन्ध वाला एसेन्स डाला जाता है। रंग निखारने के लिए उसमें हानिकारक बटर यलो मिलाया जाता है। इसके बाद मिलावटी सरसों के तेल को खुला एवं ब्रांडेड कम्पनियों के लेबल पर सस्ते दाम में कारोबारियों तक पहुंचा दिया जाता है। 15 किलो के सरसों के डिब्बे पर 450 से 500 रुपए का मुनाफा होने की वजह से दुकानदार भी इसे खरीदकर बिक्री करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आलम यह है कि अब मिलावटखोर खुला एवं ब्रांडेड कम्पनियों के नाम पर हजारों लीटर मिलावटी तेल प्रतिदिन बाजार में बेच रहे हैं। और खाद्य व आपूर्ति विभाग को ही नहीं, बल्कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आला अफसरों को भी इसकी भनक तक नहीं लगती है। जिससे मिलावटखोरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि इस मिलावटी तेल का लगातार इस्तेमाल करने से जान तक जा सकती है।इस संबंध मे खाद्य सुरक्षा अधिकारी जमुनहा नरेंद्र यादव ने बताया कि मिलावटी तेल को लेकर मिली शिकायत पर समय-समय पर छापेमारी अभियान चलाकर दुकानदारों को सख्त हिदायत भी दीं गयी यदि फिर भी मिलावटी तेल बिक्री हो रही है तो जाँच के बाद उन दुकानदारों पर कार्यवाही की जाएगी।*सरसों तेल को खरीदते समय इस बात का रखें ध्यान*एक्सपर्ट की माने तो सरसों का तेल खरीदने से पहले इस बात का खास ध्यान रखें कि तेल अच्छे ब्रांड का हो और पैक्ड हो,इसके अलावा पैक्ड तेल पर एफएसएसएआई (FSSAI फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का सर्टिफिकेशन है या नहीं ये भी जरूर चेंक करें तब खरीददारी करें।
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