महेन्द्र कुमार उपाध्याय अयोध्या। श्रीमती बिंदु त्रिपाठी के प्रथम पुण्यतिथि उनके पुण्य स्मृति में नया घाट स्थित श्री राम कथा पार्क में मूर्धन्य पंडित उमापति त्रिपाठी महाराज के आशीर्वाद से तीन कलश तिवारी मंदिर धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट अयोध्या के सौजन्य से सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा चतुर्थ दिवस की बेला में जगतगुरु रामानुजाचार्य डॉ स्वामी राघवाचार्य महाराज ने भागवत कथा के सत्र में कपोल, ध्रुव और जड़ भरत की कथाओं का विस्तार से व्याख्या किया जिसको सुन उपस्थित श्रोता मंत्र मुक्त हो गए। जगतगुरु महाराज ने कहा कि इस समय एक पवित्र भागवत कथा का आयोजन हो रहा है, जिसमें क्षेत्रभर से सैकड़ों भक्त हिस्सा ले रहे हैं। यह कथा आध्यात्मिक शिक्षाओं और प्राचीन शास्त्रों की जीवनोपयोगी कहानियों पर आधारित है, जो श्रोताओं को भक्ति और आत्मिक शांति से भर रही है। जगतगुरु महाराज ने बताया कि अगर ईश्वर पर अटूट आस्था है अपने आराध्य पर पूर्ण विश्वास है और आपका गुरु सही मार्ग दिखाने वाला है तो निश्चित ही ईश्वर की प्राप्ति हो जाएगी ध्रुव जी जब अपने पिता के व्यवहार से बहुत परेशान थे और जैसे ही उनकी माता ने जगत पिता के बारे में बताया और बार-बार में परमेश्वर को पाने के लिए वह चले ऐसे ही उन्हें सारी सुख सुविधा प्राप्त होने लगी यहां तक की राजा ने आधा राज्य देने के लिए कहा इस पर ध्रुव जी का विश्वास और अधिक हो गया और उन्होंने अपने गुरु नारद जी के आशीर्वाद से भगवान का दर्शन किए, तो अगर भक्ति का अपने भगवान के प्रति विश्वास अधिक है तो निश्चित ही वह उसको प्राप्त कर सकता है।कथा शुभारंभ के पहले पंडित शिवेश्वरपति त्रिपाठी, पंडित श्रीशपति त्रिपाठी और महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी व्यास पीठ और व्यास पीठ पर विराजमान जगतगुरू स्वामी डॉ राघवाचार्य महाराज का पूजन अर्चन किया। कथा के विश्राम मेला पुनः आरती उतारी के और प्रसाद वितरण किया गया। आज की कथा में सैकड़ो की संख्या में कथा प्रेमी उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत रूद्रेश त्रिपाठी ने किया। आज की कथा में जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेश आचार्य महाराज और मंगल पीठाधीश्वर कृपालु राम भूषण दास ने भी अपने विचार व्यक्त किया।
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