छुट्टा पशुओं से किसान उबर नहीं पाए, अब नीलगायें बने उनकी मुसीबत

इसरार अहमद

बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जनपद में छुट्टा पशुओं की समस्या से किसान उबर नहीं पाए थे कि इन दिनों नीलगाय परेशानी का सबब बने हुए हैं। दर्जनों नीलगाय के अलग-अलग झुंड खेतों में उगी फसल को बर्बाद कर रहे हैं। गेंहूँ, मक्का, सरसों, टमाटर, गोभी आदि की खेती कर रहे किसानों को रात भर जगकर खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। सब्जियों के साथ ही बोई फसल मौका मिलते ही नुकसान पहुंचाया जा रहा है। छुट्टा मवेशियों एवं नीलगाय के आतंक से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार विकास खंड जमुनहा और गिलौला के अधिकतर गाँवो के खेतो मे यह नीलगाये उगी हुई फसलों पर कहर ढाकर इन्हे नष्ट करने पर तुली हुई है। किसान नरेश यादव, जुम्मन खान, सूरज कुमार और जमील अहमद सहित कई किसानो ने बताया कि खेतो मे सब्जियों के साथ-साथ गेंहूँ की फ़सल भी उग रही है। अभी तक छुट्टा पशुओं से खेत की रखवाली की जा रही थी अब यह नीलगाय हमारे लिए मुसीबत बन गई है। यह झुंड के साथ खेतो मे पहुँचती है और जरा सी चूक होने पर सारा फ़सल नष्ट कर देती है।किसानों ने प्रशासन से तत्काल छुट्टा पशुओं और नीलगाय से मुक्ति दिलाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है। जमुनहा क्षेत्र मे भी छुट्टा पशुओं एवं नील गायों के आतंक से किसान परेशान हैं। बुआई के बाद उगी गेंहूँ की फसल को नीलगाय रौंद रहे हैं। किसानों की खून-पसीने की कमाई उनके आँखों के सामने बर्बाद हो रही है। जिससे इन्हे इस सर्द रातो मे भी जागकर खेत मे लगे फ़सल और सब्जियों की रखवाली करनी पड़ रही है।