अयाेध्या। रामनगरी के राघव मंदिर रामघाट में श्रीरामकथा की गंगा में भक्तजनाें ने गाेता लगाकर अपना जीवन कृतार्थ किया। श्रद्धालु-भक्ताें काे अमृतमयी श्रीरामकथा का रसास्वादन कराते हुए राष्ट्रीय कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी आत्मानंद पुरी महाराज बड़ाेदरा, गुजरात ने कहा कि हम सभी जीव प्रभु के अंश एवं प्रभु ही हमारे अंशी हैं। जीवन में प्रभु की भक्ति के बिना कुछ भी संभव नहीं है। अतः हमें निरंतर प्रभु के स्मरण चिंतन भजन में लगे रहना चाहिए। पांच साै वर्षों बाद प्रभु श्रीरामलला सरकार अपने निज मंदिर में विराजमान हो गए हैं। यह हम सबके लिए बहुत ही बड़ा सौभाग्य है। हम सब दिव्य, भव्य, नव्य मंदिर में विराजमान श्रीरामलला भगवान का दर्शन कर रहे हैं।वहीं श्रीरामकथा में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय भी पहुंचे। जिनका कथा आयोजन समिति द्वारा माल्यार्पण कर व अंगवस्त्र ओढ़ा स्वागत किया गया।
कथाव्यास ने कहा कि सभी मनुष्यों को मानवता की शिक्षा देने के लिए प्रभु मनुष्य रूप में सप्त पुरियो में प्रतिष्ठित श्रीअवधपुरी में पधारते हैं। भगवान श्रीराम के जीवन चरित्रों में से एक चरित्र भी हम यदि अपने अंदर उतार लें। तो निश्चित ही हमारे मानव जीवन में कली का प्रभाव व्याप्त नहीं होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के सभी जीवन चरित्र प्रेरणास्पद हैं। उन्होंने पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया। मर्यादित जीवन जीना सिखाया। आज सारा संसार प्रभु श्रीराम का गुणगान कर रहा है। भगवान श्रीराम जैसा कोई नही। श्रीराम ने जगत काे मानवता की शिक्षा दी। श्रीअवधपुरी में एक भी क्षण निवास कर लेने से करोड़ों जन्मों के हमारे पाप नष्ट होते व पुण्य उदित हो जाते हैं। श्रीरामकथा के यजमानगणाें भठिंडा हरियाणा निवासी नंदकिशोर शर्मा, मीनू चावला, मदन बलदेव, प्रमाेद चावला, वसुदेव कालरा एवं देहरादून निवासी रमेश भारद्वाज पंजाब से रजनी दीदी राजू दीदी साथ में आए अन्य महिला बहनेने व्यासपीठ का पूजन-अर्चन कर भव्य आरती उतारी। कथा के अंत में विश्राम पर प्रसाद वितरित किया गया।
Badalta Swaroop | बदलता स्वरुप Latest News & Information Portal