जगद्गुरु श्री धराचार्य जी के सानिध्य में भक्तों का सैलाब
महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन में जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्री धराचार्य जी महाराज के सानिध्य में विविध धार्मिक आयोजनों में पंचनारायण महायज्ञ अष्टोत्तर शत श्रीमद् भागवत परायण श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में दक्षिण से पधारे हुए आगम शास्त्र के निष्णात विद्वानों द्वारा प्रातः काल भगवान श्री विश्वक सेन यज्ञ नारायण का षोडशोपचार पूजन के साथ साथ यज्ञ का प्रारंभ हुआ विशेष हवन द्रव्य मधु घृत तिल पायस मूंग पलाश अपामार्ग समिधा से आहुतियां प्रदान की जा रहीं हैं श्रीमद् भागवत का पाठ कर रहे 108 विद्वानों को अनंत श्री विभूषित जगतगुरु स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज के द्वारा गर्म कम्बल दक्षिना प्रदान की गई मंदिर प्रांगण में भगवान श्री लक्ष्मी नारायण का आगम पद्धति से पूजन अर्चन एवं नित्य वृहद भंडारे का आयोजन हो रहा है यज्ञ से परमात्मा तो प्रसन्न होते ही हैं अन्तर आत्मा पर्यावरण मन भी पवित्र होता हैं श्रीमद् भागवत कथा का विस्तार करते हुए महाराज श्री ने कहा ध्रुव के जैसी अविरल भक्ति यदि हम सब जीवों में व्याप्त हो जाए तो निश्चित ही हमें परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग बड़ा ही कठिन है वेद वेदांत का परिपक्व फल है श्रीमद् भागवत कथा के मध्य में अयोध्या के पूज्य संत महंत पधारे संतों के आशीर्वचन दर्शन पाकर सभी भक्त आनंदित हुए यज्ञ का समय प्रातः 7बजे से 12 व शायं 4 से 7बजे तक है।