विश्वनाथ शुक्ला
अयोध्या के भव्य राम मंदिर को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए भी उपाय किया जा रहे हैं। शिखर से 28 कॉपर के तार नीचे आएंगे उसे ग्राउंड करके जमीन के अंदर ले जाया जाएगा। संबंधित मंत्रालय से भी इस मामले में राय ली गई है। राम मंदिर पर एविएशन सेफ्टी भी रखी जायेगी। इसके तहत यदि राम मंदिर के ऊपर से कोई विमान उड़ता है तो उन्हें सिग्नल, मिल सके। इस तरह का निर्माण किया जा रहा है।इस बीच रामलला के दर्शन से जुड़े व्हील चेयर ले जाने वाले मार्ग के रैंप पर क्रैक मिला है। यहां दो पत्थरों के बीच में गैप न रखने की वजह से तापमान बढ़ने से दोनों पत्थरों में खिंचाव आया है। इससे पत्थर में क्रैक आया है। इसके बाद इन पत्थरों को निकाल कर दूसरे पत्थर लगाए जाएंगे।निर्णय लिया गया है कि अब दोनों पत्थरों के बीच में गैप रखा जाएगा। आज राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक का दूसरा दिन है। 2025 में राम मंदिर के सभी निर्माण पूरे हो जाएंगे। परकोटा और शूज रैक सितंबर 2025 तक काम पूरा हो जाएगा।
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