टाईटैनियम का रामदरबार और श्वेत संगमरमर की मूर्तियां स्थापित होंगी
विश्वनाथ शुक्ला
बदलता स्वरूप अयोध्या।राम मंदिर के पहले तल पर गर्भगृह का निर्माण पूरा होने के बाद अब उसको सजाने की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसमें स्थापना के लिए टाईटैनियम का राम दरबार अयोध्या पहुंच चुका है। यह दरबार करीब एक फिट ऊंचा और डेढ़ फिट चौड़ा बताया जा रहा है।इस दरबार में भगवान श्रीराम, सीता के अलावा लक्ष्मण, भरत और शत्रुहन के साथ श्री हनुमान का विग्रह शामिल है। राम मंदिर के पहले तल पर मकराना के सफेद संगमरमर का राम दरबार स्थापित किया जाना है। इसके साथ ही सभी 18 मंदिरों में बनने वाली मूर्तियों का निर्माण भी पूरा हो चुका है।राम मंदिर का दूसरा तल तेजी से बन रहा है। इस बीच रामजन्मभूमि परिसर में 18 अन्य मंदिर भी तेजी से बन रहे हैं। इन मंदिरों में राम मंदिर के प्रथम तल पर श्रीराम दरबार का मंदिर होगा। परिसर के अन्य 17 मंदिर भी शामिल हैं। इन सभी का निर्माण 60 से 70 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार इन मंदिरों का निर्माण तेज गति से चल रहा है और अगले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर माह तक इनका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।इस बीच राम मंदिर के प्रथम तल पर गर्भगृह समेत अलग-अलग दरवाजों की पैमाइश का काम हो गया है। इसके लिए तमिलनाडु के कन्याकुमारी से दर्जन भर कारीगर यहां आ चुके हैं। यह सभी कारीगर मेसर्स अनुराधा टिम्बर हैदराबाद तेलंगाना से अनुबंधित थे और इन्हीं कारीगरों ने ही सागौन की लकड़ियों के दरवाजे बनाए हैं। अब इन दरवाजों को गोल्ड प्लेटेड किया जाना है। इसके लिए अंतिम रूप से पैमाइश की गई है जिससे कि गोल्ड प्लेट चढ़ाने के बाद नाप-जोख में कोई अंतर न आए। इसके पहले भूतल के दरवाजों का भी निर्माण करने के बाद इन कारीगरों ने नाप-जोख की थी।राम मंदिर के तीनों तलों को मिलाकर कुल 42 दरवाजे प्रस्तावित थे जिनमें तीनों तलों में 14-14 दरवाजों को लगाया जाना था। भूतल के निर्माण के बाद उसके दरवाजों की संख्या 14 से बढ़कर 18 हो गयी जिससे कुल दरवाजों की संख्या 46 हो गयी है। फिलहाल प्रथम व द्वितीय तल में 14-14 दरवाजे ही लगाए जाने हैं।राम मंदिर की निर्माण एजेंसी एल एण्ड टी के परियोजना निदेशक वीके मेहता के अनुसार अभी प्रथम तल में दरवाजे लगेंगे, लेकिन गर्भगृह के अतिरिक्त कितने अन्य दरवाजों पर गोल्ड प्लेट चढ़ाई जाएगी, इस बारे में अभी स्पष्ट रूप से कुछ कहना जल्दबाजी होगी।