नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की

बदलता स्वरूप गोन्डा। रानी बाजार स्थित श्रीराम जानकी मारवाड़ी धर्मशाला में पोखर मल रंग लाल द्वारा चल रहे आयोजित श्रीमद्भागवत भागवत कथा के चौथे दिन की कथा में संपूर्ण कथा प्रांगण भाव बिभोर हो कर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की धुन में थिरकने लगा। इसके पहले चतुर्थ दिवस की कथा प्रारंभ करते हुए कथा वाचक आचार्य चन्द्र दत्त सुबेदी ने गजेन्द्र की कथा के प्रसंग में कहा कि हमें बहुत भजन करना चाहिए और भगवान की शरणागति स्वीकारनी चाहिए। समुद्र मन्थन के प्रसंग में आचार्य ने कहा अमृत के चाहने वालों को पहले विष मिलता है जो उससे विना घवराए साधना करते हैं उन्हें ही अमृत की प्राप्ति होती है। श्रीराम जन्म के प्रसंग में श्री आचार्य ने कहा श्रीराम राष्ट्र के मंगल हैं। देवकी वासुदेव की कथा में उन्होंने कहा कि कंस अपनी बहन देवकी से प्रेम करता है पर जब आकाशवाणी ने कहा उसके आठवाँ गर्भ कंस का काल बनेगा तो कंस देवकी को मारने को उद्यत हुआ।
इस प्रसंग को आगे बढाते हुए कथा वाचक ने कहा दुष्ट व्यक्ति का प्रेम भी घातक एवं विरोध भी घातक होता है, अंतः दुष्ट व्यक्ति से हमेशा बचना चाहिए।
कृष्ण अवतार के उपक्रम में श्री आचार्य ने कहा भगवान के अवतार के समय समस्त चराचर को आनन्द की प्राप्ति हुई।उसके पश्चात श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग को सुन्दर झांकी के साथ प्रस्तुत किया गया। कथा के दौरान राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल एडवोकेट, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, पंकज अग्रवाल एडवोकेट, अंशुमान अग्रवाल, अर्चित अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, संजय अग्रवाल, सुशील जालान, सचिन सिंघल, चिंटू अग्रवाल, शोभा अग्रवाल, सरोज अग्रवाल, अंजना अग्रवाल, स्वाति अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, विनीता सिंघल सहित अन्य लोग मौजूद रहीं।