राहत नहीं आश्वासन बांट रहे अधिकारी-सपा नेता मनोज चौबे
रामजन्म तिवारी
बदलता स्वरूप गोंडा। तहसील तरबगंज क्षेत्र में सरयू घाघरा के जल स्तर घटने के बाद बाढ़ का संकट तो कम हो गया लेकिन नदी के कछार में बसे साकीपुर के मजरा चहलवा में कटान तेज होने से ग्रामीणों का संकट गहरा गया है। दर्जनों कच्चे पक्के मकान कटान के जद में आ गए हैं। दर्जनों फूस के घर घाघरा में समा चुके हैं। बुधवार को तरबगंज विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ सपा नेता मनोज चौबे के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और बाढ़ पीडितों से चर्चा कर आरोप लगाया कि बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारी राहत नही आश्वासन बांट रहे हैं। सरयू घाघरा कटान प्रभावित क्षेत्र में न तो बाढ़ चौकी स्थापित हुई और न चिकित्सा के लिए डाक्टर तैनात हुए। वहां दवा के अभाव में लोग बुखार, खांसी व मवेशी संक्रामक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। साकीपुर क्षेत्र में मवेशियों के लिए चारें का अकाल पड़ गया है। सपा नेता मनोज ने शिकायती लहजें में कहा कि साकीपुर के मजरा चहलवा निवासी अनन्तराम, रामभवन यादव, सोनापती पत्नी रामकेवल, नकछेद यादव, झगरू, गुल्ले, भानू, रामबली, सीताराम, छट्ठू यादव सहित दस पक्के मकान नदी के कटान की जद में आकर कुछ या तो गिर गए और कुछ गिरने के कगार पर पहुंच चुके हैं। इसी प्रकार फूस के रिहायशी घर में रहने वाले अमन यादव, कप्तान, मंजीत, राधेश्याम, रामरूप, त्रिभुवन, मोटकू, अवधेश यादव, मक्खन, अनूप के छप्पर घाघरा में बह गए। पीडित परिवारों के समक्ष आवास की विकट समस्या है। पशुओं में संक्रामक बीमारी फैल रही है। रामकिशोर की भैंस मर गई और गाय बीमार है। सपा नेता श्री चौबे ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि बाढ़ और कटान की दैवी आपदा में पीड़ित परिवारों को कटान से मकान व छप्पर के ढहने पर सहायता दिलाने की तत्काल व्यवस्था करें और बाढ़ नियंत्रण के स्थाई समाधान पर योजना पर विचार करें।