राजेश सिंह
बदलता स्वरूप गोंडा। सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुक्रम में पूरे प्रदेश में चल रहे गौशालाओं में खामियों के कारण छुट्टा जानवरों से किसानों को राहत नहीं मिल पा रहा है। गौशालाएं केवल कोरम पूरा कर रहे हैं। जहां एक तरफ प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर है और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है, वहीं विभागीय अधिकारी सरकार की मनसा पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं। बताते चले कि 2017 में प्रदेश में योगी की सरकार बनते ही गौ हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन गौशाला न बनने के कारण किसानों द्वारा छोड़े गए छुट्टा जानवरों ने किसानों की ही फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हो हल्ला मचाना शुरू कर दिया, फिर प्रदेश सरकार ने गौशालाओं के निर्माण के लिए बजट जारी कर दिया और पशुओं के चारे के लिए भी बजट जारी कर दिया और जानवरों को गौशालाओं में पहुंचने का आदेश जिला प्रशासन को दिया लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इन छुट्टा जानवरों को अभियान चलाकर गौशाला में पहुंच कर खाना पूर्ति कर ली लेकिन गौशालाओं का निरीक्षण समय-समय पर करना उचित नहीं समझते। इसलिए छुट्टा जानवर गौशाला से भाग कर सड़क पर झुंड बनाकर बैठ जाते हैं जिससे आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।