बदलता स्वरुप गोण्डा। इस वक्त अंधेरे में दिल की चरागे मोहब्बत, ये किसने जलाया सवेरे सवेरे। लिया जब भी मैने ये नाम-ए-मोहम्मद, बड़ा लुत्फ आया सवेरे सवेरे। मरहबा मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, हुजूर की आमद मरहबा चारों ओर गूंजती आवाजों के बीच नबी के अनुयायियों यानि आशिक-ए-रसूल की टोली हाथ में इस्लामी झंडे लिए शहर से लेकर गांवों तक पैगंबर-ए-इस्लाम का परचम ही नज़र आता रहा। मौका था जश्न-ए-ईदमिलादुन्नबी का, नबी-ए-करीम की यौम-ए-पैदाइश का। इस्लाम अनुयायियों के घरों में जहां इबादत होती रही तो वहीं सड़कों पर नबी की शान में अकीदतमंदों ने जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला। पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा की यौम-ए-पैदाइश को लेकर सोमवार को जिले में जश्न का माहौल रहा। हर तरफ बस आशिक-ए-रसूल की टोली नबी की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, हुजूर की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा के नात व कलाम पर झूमते रहे। जश्न ईदमिलादुन्नबी के मौके पर मदरसा अहले सुन्नत मसऊदुल वलूम रौजा से निकले जुलूस में शामिल बच्चों ने नात-ए-पाक के तराने गुनगुनाते हुए क्षेत्र में निकले। जुलूस-ए-मोहम्मदी शहर के साथ गांव-गांव में इस्लाम अनुयायियों ने निकाला, जो देर शाम तक चलता रहा।जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मदरसा अहले सुन्नत मसऊद उलूम रोजा शरीफ में आमदे सरकार पर जुलूसे मोहम्मदी में बच्चों से लेकर बुजुर्गों और नौजवानों तक सभी लोगों ने अमन और शांति का पैगाम लोगों तक पहुंचाया गया जिसमें नौजवान कमेटी के दस्तगीर मोहम्मद अयूब व कमेटी के सभी जिम्मेदार मैनेजर अब्दुल मजीद प्रिंसिपल मौलाना फैजान के अध्यक्षता में शानदार प्रोग्राम का आयोजन हुआ। जिसमें मेहमाने खुसूसी सैयद महिबुल हक का बयान हुआ, जिसे काजी लोगों ने सुनकर बरकत हासिल की।
