कागज पर बोरिंग कहीं और, हकीकत में कहीं और जेई साहब जलकल बताएंगे क्या है सच्चाई
अजय सिंह
बदलता स्वरूप सीतापुर। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सीएम आदित्यनाथ योगी ने कार्यवाही के सख्त दिशा निर्देश दे रखे हैं लेकिन उसके बावजूद भी भ्रष्टाचार कम नही हो पा रहा है। बताते चलें कि बातें हो रही हैं कि जब भ्रष्टाचार नसों में ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार जड़ों में मलेरिया बुखार के तरीके से फैल चुका है और कार्यवाही के नाम पर कितना कुछ होता है और उससे क्या कर्मचारी अधिकारी सीखते हैं यह भी जग जाहिर है लेकिन उसके बाद भी भ्रष्टाचार नहीं थमता, आखिर क्यों? यही हाल कुछ विकासखंड कसमंडा के जलकल विभाग का हो चला है जहां पर जेई जलकल और बोरिंग टेक्नीशियन की मिली भगत से भ्रष्टाचार की फेहरिस्त स्वर्ण अक्षरों में लिखी जा रही है ऐसी चर्चाएं अब कमलापुर की गलियों और पान की दुकानों पर हो रही है सूत्र बताते हैं कि अगर पूर्व वर्षों में की गई बोरिंग की जांच कर ली जाए तो इसी से भ्रष्टाचार की कलई खुल जाएगी कि बोरिंग कहीं और है कागज पर और, कार्य कहीं और किया गया कहीं और, ऐसे तरीकों से कार्य किया गया है जो भ्रष्टाचार को स्पष्ट कर रहा है इस पर जांच अगर हो जाए तो जेई जलकल और बोरिंग टेक्नीशियन के तोते उड़ जाएंगे और फिलहाल अगर जांच हुई तो हकीकत सामने आएगी कि आखिर क्या है इस विभाग की हकीकत जो सिर्फ चर्चा हो रही है या हकीकत में भी भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दी गई है। परंतु जांच ही नहीं हो पा रही है तो कार्यवाही क्या होगी क्योंकि जब कुछ आगे ही नहीं बढ़ेगा तो कार्यवाही होगी कैसे तो क्या खंड विकास अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में शरीक हैं अगर नहीं तो जांच क्यों नहीं अगर कुछ है तो उसका खुलासा तो होना ही चाहिए! बातें हो रही है कि अगर आपको अन्यत्र बोरिंग करनी है और बोरिंग का पैसा नहीं है तो जलकल विभाग कसमंडा की ओर रुख कीजिए उम्मीद है काम पूरा बनेगा और आसानी से कुछ देने पर ही बन जाएगा? सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के बजाय कुछ दीजिए और फिर कुछ लीजिए क्योंकि तब तक सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सकता जब तक की कुछ ले देकर काम नहीं होता अगर ऐसा नहीं है तो प्राइवेट कमी भी कार्य कर रहे हैं उनका वेतन कहां से आता है क्या है इसका कोई जवाब?बातें तो यहां तक हो रही हैं जांच हो जाए तो जलकल विभाग कसमंडा में तैनात जेई व बोरिंग टेक्नीशियन भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी बताते चलें कि जलकल विभाग में अगर बिलों की जांच कर ली जाए तो भ्रष्टाचार का अंदाजा लग सकता है तो उधर यह भी बताया जा रहा है की असलियत में बोरिंग कहीं और दिखाई जाती है कागजों पर और होता हकीकत में ऐसा नहीं है क्योंकि देखने में कुछ और ही और हकीकत में कुछ और ही जलकल विभाग कसमंडा की छवि बनती जा रही है तैनात जेई, टेक्नीशियन की कार्य शैली सवालों में आ चुकी है आखिर कितना हुआ है भ्रष्टाचार और कहां-कहां क्या हुआ है और क्या है जलकल विभाग कसमंडा की हकीकत सवाल बन चुका है। अब देखना यह है कि क्या उच्च अधिकारी संज्ञान लेंगे और इस मामले की जांच कराएंगे आखिर कहां है बोरिंग और कहां है की गई और कैसे कर लिया गया जियो टैग?इन सभी सवालों का जवाब जांच के बाद ही मिलेगा।