घोघरडीहा रेलवे स्टेशन को अनदेखी के खिलाफ 27 को रेल रोको आंदोलन

क्षेत्रीय सांसद व विधायक पर पूर्ण रूप से नजर-अंदाज करने का आरोप

बदलता स्वरूप मधुबनी। घोघरडीहा की रेलवे स्टेशन फुलपरास विधान सभा का एकमात्र प्रमुख स्टेशन है। यह उत्तर बिहार का एक प्रमुख व्यवसायी मंडी है यहां दुर-दुर से लोग बाजार करने आते हैं। यहां वर्षो पुरानी घोघरडीहा रेलवे स्टेशन है जो‌ मुख्य रूप से व्यवसायिक व क्षेत्रीय लोगों कि साधन है। यहां लोगों कि लोगों का क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अनदेखी करने का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ 27 सितंबर को रेल रोको आंदोलन करने कि आह्वाहन किया है। वहीं हमारे सहयोगी से ललीत झा ने बताया कि क्षेत्रीय विधयक और क्षेत्रीय सांसद के नजरों मे घोघरडीहा स्टेशन का कोई वजूद नही है। यहां कि स्टेशन को हर सरकारी सुविधा से वंचित कर दिया जाता रहा है और क्षेत्रीय सांसद या विधायक द्वारा हर समय अनदेखी किया गया है। यहां कि मुद्दे को सदन मे एकबार पेश नहीं किया गया और आवाज उठाना मुनासिब नही समझते हैं। जबकि घोघरडीहा स्टेशन करीब चालीस से पच्चास गाँव का यातायात का मुख्य साधन है हजारो यात्री घोघरडीहा स्टेशन पर रोजाना सफर करते हैं। रेल मंत्रालय को घोघरडीहा स्टेशन से काफी राजस्व मिलता है फिर भी सरकारी सुविधा के नाम पर घोघरडीहा को कुछ नही मिलता। समय समय पर घोघरडीहा को अपने अधिकार से भी वंचित कर दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण फिलहाल रेल मंत्रालय के द्वारा मधुबनी जिला मे अनेक तरह के योजनाओं का घोषणा किया गया उसमे भी घोघरडीहा स्टेशन को नजर अंदाज कर दिया गया इस बात से जाहिर होता है कि रेल मंत्रालय के नजर मे घोघरडीहा स्टेशन का कोई अहमियत नही है। इसका मुख्य कारण है घोघरडीहा स्टेशन के प्रति क्षेत्रीय सांसद और विधायक का उदासीनता मंत्रालय तक वस्तुस्थिति से अवगत कराना क्षेत्रीय सांसद विधायक का काम होता है। वहीं लम्बी दुरी का एक भी ट्रेन का स्टॉपेज घोघरडीहा नही दिया गया जिससे आमजनों मे भारी आक्रोश व्याप्त है। फुलपरास विधान के सभी आमजन अपना निर्णय ले चुका है घोघरडीहा स्टेशन के साथ अब भेदभाव नही चलेगा। रेल मंत्रालय को इस पर पुनः विचार करना पड़ेगा अन्यथा जन आंदोलन की जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन होता रहेगा जबतक घोघरडीहा स्टेशन के साथ न्याय नही होगा चैन से कोई नही बैठेगा। इस मुद्दे पर फुलपरास विधान के सभी वर्ग के लोग एकजुट है। और आगे भी लड़ाई के लिये तैयार है घोघरडीहा स्टेशन के अधिकार के लिये। वहीं क्षेत्रीय लोगों ने मिलकर आमजन कि आवाज घोघरडीहा स्टेशन के बिस्तर के अभियान स्वरूप फुलपरास विधान सभा लोगों से अपिल करते हुए 27 सितंबर को घोघरडीहा स्टेशन पर पहुंच कर रेल रोको आंदोलन में शामिल होने का आव्हान किया गया है।