पुलिस मुठभेड़ में 01 शातिर बदमाश घायल सहित 02 गिरफ्तार

कब्जे से मोटरसाइकिल, अवैध तमंचा, कारतूस व चोरी की नगदी बरामद

बदलता स्वरूप गोंडा। रामू दीक्षित पुत्र दीपनरायन दीक्षित निवासी ग्राम छोटीपुरवा मौजा परसागोण्डरी थाना कर्नलगंज गोण्डा द्वारा थाना को0कर्नलगंज को सूचना दी गई कि दिनांक 10/11.09.2024 की देर रात्रि परिवारीजनों के साथ घर के बाहर सो रहे थे कि घर के पीछे वाले दरवाजे की तरफ आहट होने पर टार्च की रोशनी में देखा तीन अज्ञात चोर खड़े है जिनमें से एक व्यक्ति ने फायर कर दिया जो उसके भाई को लगने से गम्भीर रूप से घायल हो गया तथा चोर मौके से फरार हो गये। । उक्त सूचना पर थाना को0 कर्नलगंज पर मु0अ0सं0-411/2024, धारा 331(8) बीएनएस बनाम 03 व्यक्ति अज्ञात के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था। उक्त घटना के शीघ्र अनावरण करने हेतु पुलिस अधीक्षक गोण्डा श्री विनीत जायसवाल द्वारा एसओजी/सर्विलांस टीम सहित 04 टीमों का गठन कर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कर्नलगंज को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। घटना के सफल अनावरण के क्रम में नरायणपुर माझा मोड़ से नरायणपुर मांझा क्रासिंग के बीच संदिग्ध आरोपियों को घेराबन्दी कर पकड़ने का प्रयास किया गया, पुलिस मुठभेड़ में आरोपी 01. बच्चन ( मुठभेड़ में घायल) व 02. राजेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस द्वारा घायल अभियुक्त बच्चन को प्राथमिक उपचार हेतु जिला अस्पताल भेजा गया है। अभियुक्तों के कब्जे से चोरी के 20,000/- रूपये नगद व घटना में प्रयुक्त 01 अदद मोटरसाइकिल पल्सर, 01 अदद अवैध देशी तमंचा मय 01 अदद जिन्दा व 01 अदद खोखा कारतूस 12 बोर बरामद किया गया। अभियुक्तगण से पूछताछ के दौरान ज्ञात हुआ कि इन लोगो का एक संगठित गिरोह है जो आर्थिक लाभ कमाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाकर चोरी की घटनाओ को अंजाम दिया करते हैं। अभियुक्तों द्वारा बताया गया की दिनांक 10/11.09.2024 की रात्रि थाना कर्नलगंज के गाँव छोटीपुरवा मौजा परसागोण्डरी में एकान्त में बने घर में चोरी करने के नीयत से दरवाजा खोलने का प्रयास कर रहे थे कि तभी घर के व्यक्तियों द्वारा उन्हे देख लिया गया अपने आप को घिरता देख बच्चन ने इसी तमंचे से उन लोगो पर फायर कर दिया और तीनों लोग फरार हो गये थे। बरामद शुदा रूपये के बारे में बताया कि करीब 02 माह पूर्व मिश्रनपुरवा व बमडेरा के दो घरों में तीनों ने मिलकर रूपये व जेवरात की चोरी की थी । चोरी के जेवरात को राह चलते व्यक्तियों को औने- पौने दामों पर बेच दिया था।