निष्प्रयोग साबित हो रहा जिलाधिकारी व आरटीओ ऑफिस के बगल बना शौचालय

राजेश सिंह

बदलता स्वरूप गोंडा। निष्प्रयोग साबित हो रहा जिलाधिकारी कार्यालय और आरटीओ ऑफिस के बगल बना शौचालय। बताते चलें कि जिलाधिकारी आवास के बगल और आरटीओ कार्यालय के बाउंड्री के बगल बने शौचालय में गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है देख कर पता चलता है कि बरसों से इसकी सफाई नहीं हुई है। सूत्रों का कहना है की पूर्व में में प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का आगमन हुआ था, तब जिलाधिकारी कार्यालय के बगल बने शौचालय का रंग रोगन और सफाई हुई थी। तब से आज तक इस शौचालय में सफाई की बात तो दूर कोई काम कोई कर्मचारी पानी डालने तक नहीं आया। यही हाल है आरटीओ कार्यालय के बाउंड्री वालों के बगल बने शौचालय का है जिसमें इंसान तो क्या दुर्गंध के आगे जानवर भी जाना पसंद नहीं करते। कलेक्ट्रेट के वकीलों का कहना है काश प्रदेश के मुखिया का आगमन जिले में फिर हो जाता तो शौचालय की साफ सफाई हो जाती। वैसे तो भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार स्वच्छता कार्यक्रम चला रही है और स्वच्छता कार्यक्रम पर बजट भी जारी कर रही है लेकिन जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह दोनों शौचालय नगर में स्वच्छता अभियान की पोल खोलने में मददगार साबित हो रहे हैं। इससे यही प्रतीत होता है कि विभागीय अधिकारी या तो जानबूझकर या फिर व्यक्तिगत लाभ के कारण स्वच्छता अभियान पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।