ना खाता ना बही जौन, बिजली विभाग कहय वहै सही

रोहित जायसवाल

बदलता स्वरूप ब्यूरोकर्नलगंज-गोंडा। ना खाता ना बही जौन, बिजली विभाग कहय वहै सही, यह लाइन बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर सटीक बैठ रही है। जी हां आपको बता दें कि, विकास खंड परसपुर अंतर्गत ग्राम मरचौर निवासी शीला सिंह ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजा है। जिसमे कहा गया है कि उसके नाम से वर्ष 2015 में विद्युत कनेक्शन हुआ था। मगर आज तक विद्युत विभाग का कोई भी कर्मचारी मीटर रीडिंग करने नहीं गया है। औऱ न ही विद्युत विभाग द्वारा विल ही उपलब्ध कराया जा रहा है। आरोप है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मीटर रीडिंग कराने वाली कम्पनी मीटर रीडरों को घर बैठाकर प्रति माह फर्जी तरीके से विद्युत बिल बनवा रही है। पीड़िता ने बताया कि उसके मीटर की रीडिंग के अनुसार उसका करीब 3000 रुपये बिल होना चाहिए। मगर बिजली विभाग के जिम्मेदार लोगों की मिली भगत से बिना उसके मीटर की रीडिंग करवाए ही विभाग द्वारा 33,008 रुपया का फर्जी बिल बनवा दिया गया है। यह केवल उसकी ही समस्या नहीं, बल्कि क्षेत्र के लगभग सभी उपभोक्ताओं की समस्या है। सरकार ने उपभोक्ताओं का मीटर रीडिंग करवाने के लिए प्राइवेट कम्पनी को जिम्मेदारी सौंपा है। जिसके सुपरविजन की जिम्मेदारी बिजली विभाग के अधिकारियो की है। मगर मीटर की रीडिंग करवाने वाली कम्पनी के जिम्मेदार व बिजली विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बिना उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग करवाए ही फर्जी बिल बनवाकर सरकार से प्रतिमाह करीब एक करोड़ रुपये ले रहे है। उसने प्रकरण की जांच करवाकर आवश्यक कार्रवाई किये जाने की मांग की है। अधिशाषी अभियंता संजीव सिंह ने बताया कि आरोप निराधार है। मीटर की रीडिंग करवाकर ही बिल बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शीला सिंह का बिल यदि बढ़कर आया है तो पूरे कागजात से आएं उनकी समस्या का निराकरण कराया जायेगा।