मन्दिर के ध्वस्तीकरण कार्यवाही तत्काल रोके जाने हेतु प्रशासन से की गई माँग
महेन्द्र कुमार उपाध्याय बदलता स्वरूप अयोध्या। श्री राम जानकी पंचायती मांझी मन्दिर (मझवार) प्राचीन मांझी मझवार समुदाय का आस्था का मंदिर है। परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण में सड़क से केवल मंदिर के तरफ ही पी०डब्लू०डी० के अधिकारियों द्वारा नाप दिनांक 08.09.2024 को की गयी है और बताया गया कि केवल मांझी मंदिर के तरफ ही चौड़ीकरण किया जायेगा। सड़क के दूसरे तरफ कंचन भवन है उस तरफ चौड़ीकरण हम लोग नही करेगें, कंचन भवन को हमे बचाना है ऐसा उच्च अधिकारियों का आदेश है, जबकि पूर्व में चौड़ीकरण हेतु नाप किया गया था तो सड़क के बीच से कंचन भवन के तरफ व मांझी मंदिर के तरफ चिन्हांकन किया गया था किस तरफ कितना जाना है दीवाल पर कंचन भवन व मांझी मंदिर पर लिखा गया था जो आज भी विद्यमान हैं। इसी को लेकर मांग किया गया है कि नियमानुसार सड़क के बीच से दोनो तरफ चौड़ीकरण होना है। पी०डब्लू०डी० के अधिकारी दबाव में मांझी (मझवार) मंदिर के अस्तित्व खत्म करने के लिए जबरदस्ती एक ही तरफ 21 मीटर नाप कर पुरातत्व मंदिर को गिरा कर चौड़ीकरण करने पर आमादा है जो नियम व कानून के विरूद्व है। पूर्व में कई प्रार्थना पत्र दिया गया जिसका अभी तक समुचित निस्तारण नही किया गया। उक्त परिस्थिति में नियमानुसार सड़क के दोनो तरफ चौड़ीकरण किया जाना आवश्यक है। जिससे मांझी (मझवार) मंदिर का अंश बच सके व समाज उसको नवीनीकरण कर पूजा-पाठ की व्यवस्था कर सकें। यदि मंदिर का सम्पूर्ण अंश या मंदिर पूजा-पाठ लायक व भूमि नही बचती है तो मांझी मझवार समुदाय को मंदिर बनाने हेतु भूमि दिया जाना आवश्यक है। जिससे समुदाय मंदिर का निर्माण कर मंदिर में स्थापित ठाकुर रामजानकी को दूसरे जगह मंदिर बनवाकर स्थापित कर पूजा-पाठ कर सकें। मंदिर की जमीन देने के बावत 25.09.2024 को एस०डी०एम० सदर अयोध्या ने समाज के अध्यक्ष को तहसील बुलाया वार्ता करने के लिए समाज के लोग एस०डी०एम० से मिलने आये इसी बीच अमीन नजूल वपी०डब्लू०डी० के जे०ई० ने जाकर मंदिर के पीछे की दीवाल गिरा दिया। समाज के व्यक्तियों ने जब जाकर देखा तब जे०ई० ने कहा कि हमको एस०डी०एम० का आदेश है मंदिर गिराने का हम मंदिर गिरा देगें। जो अभी तक राम पथ व परिक्रमा रोड पर बीच से दोनो तरफ चौड़ीकरण की जा रही है। केवल मांझी मंदिर के पास ही पहुंच कर कंचन भवन छोड़कर एक ही तरफ मांझी मंदिर का अस्तित्व मिटाने हेतु एक ही तरफ चौड़ीकरण किया जा रहा है। जो गलत है जिससे मांझी समाज में आक्रोश है। कोई भी घटना कारित हो सकती है। जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी, मांझी मझवार मंदिर की भूमि 4 बिस्वा 15 बिस्वासी है जिसके बदले में उतनी ही भूमि मंदिर बनाने हेतु प्रशासन देकर मंदिर बनाने हेतु मुआवजा देकर ही मंदिर एक तरफ तोड़े तो मांझी समाज तैयार है, पहले भूमि मुआवजा देकर ही मंदिर को तोड़े जिससे मांझी समाज ठाकुर राम जानकी की मूर्ति दूसरे जगह स्थापित कर सकें। अगर प्रशासन जबरदस्ती मंदिर की ध्वस्तीकरण कराने की कार्यवाही करता है तो मांझी (मझवार) समाज लोक तात्रिक तरीके से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन आन्दोलन करने को बाध्य होगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।