भ्रष्टाचार एवं लूट का अड्डा बना अभिलेखागार

नकल बनवाने के लिए फरियादियों को लगाने पड़ते हैं सैकड़ो चक्कर

तत्काल नकल बनवाने के लिए ली जाती है रकम

राजेश सिंह
बदलता स्वरूप गोंडाः कलेक्ट्रेट में स्थित अभिलेखागार लूट एवं भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है, जहां पर नकल बनवाने के नाम पर कर्मचारियों द्वारा अलग से पैसे की मांग की जाती है और पैसा न देने पर उन्हें बार-बार दौड़ाया जाता है। यही नहीं पैसा न देने पर आए दिन फरियादियों एवं अभिलेखागार कर्मचारियों के बीच झड़प भी होती रहती है। कर्मचारियों की कार्यशैली से फरियादी एवं अधिवक्ता पीड़ित है। जहां एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार जन समस्याओं को लेकर प्रयासरत एवं गंभीर है वहीं जिला प्रशासन के कर्मी प्रदेश के मुखिया के कड़े निर्देश के बावजूद जन समस्याओं के प्रति उदासीन है बताते चलें कि डीएम और एडीएम कार्यालय के बगल कलेक्ट्रेट में स्थित अभिलेखागार के कर्मचारियों द्वारा फरियादियों एवं उपभोक्ता अधिवक्ताओं के साथ नंगा खेल खेला जा रहा है और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना तमाशा देख रहा है आए दिन फरियादियों एवं अभिलेखागार कर्मचारी में झड़प की गूंज कलेक्ट्रेट में सुनी जा सकती है। यही नहीं अभिलेखागार के कर्मचारियों का रवैया अधिवक्ताओं के प्रति भी ठीक नहीं है अधिवक्ता राजेश कुमार यादव ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि अभिलेखागार कर्मचारियों के द्वारा नकल बनवाने के नाम पर पैसा वसूल किया जा रहा है और फरियादियों तथा अधिवक्ताओं के साथ नंगा खेल खेला जा रहा है। अधिवक्ता श्री यादव ने बताया कि राजनीतिक पहुंच और पॉकेट गर्म कम करने वाले लोगों को नकल के लिए अभिलेखागार कर्मचारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं लेकिन गरीब एवं असहाय लोगों के लिए नकल बनवाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है, अगर जिला प्रशासन द्वारा कार्य दिवस में जांच कराई जाए तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे इससे यही प्रतीत होता है या तो राजनीतिक दबाव में या फिर व्यक्तिगत लाभ के कारण विभागीय अधिकारी एवं जिला प्रशासन अभिलेखागार कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही नहीं कर रहा है।