बदलता स्वरूप गोण्डा। लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में एम.ए. तृतीय सेमेस्टर, हिंदी के विद्यार्थी जीतेशकांत पांडेय की पुस्तक का लोकार्पण किया गया। ‘नकल से कहीं क्रांति नहीं हुई’ शीर्षक पुस्तक प्रख्यात साहित्यकार डॉ. सूर्यपाल सिंह के साक्षात्कार पर आधारित है। महाविद्यालय के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी अध्ययनरत विद्यार्थी द्वारा परीक्षा में प्रस्तुत परियोजना कार्य को गुणवत्ता के आधार पर निर्णय लेते हुए किसी प्रकाशन ने उसे पुस्तक रूप में प्रकाशित किया हो। यह पुस्तक एकेडमी प्रेस दारागंज, इलाहाबाद से मुद्रित एवं पूर्वापर प्रकाशन, गोण्डा से प्रकाशित हुई है। महाविद्यालय के ललिता शास्त्री सभागार में प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह के मुख्य आतिथ्य में ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर आयोजित संभाषण प्रतियोगिता समारोह में इस किताब का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर देशबंधु कॉलेज, दिल्ली के प्रोफेसर और प्रसिद्ध दलित विमर्शकार बजरंग बिहारी तिवारी, साहित्य भूषण डॉ. सूर्यपाल सिंह, प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र नाथ मिश्र, शिक्षा शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. शिवशरण शुक्ल, वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष प्रो. श्रवण कुमार श्रीवास्तव, डॉ. रेखा शर्मा, प्रो. जय शंकर तिवारी, मनोज कुमार मिश्र, पवन कुमार सिंह सहित अनेक प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। इस मौके पर उपस्थित सभी ने जीतेशकांत पांडेय को बधाई दी।
