महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या के प्रतिष्ठित संतो महंतों ने दीप प्रज्वलित कर किया। कथा के प्रथम दिवस जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉ. स्वामी राघवाचार्य महाराज श्रीमद् भागवत कथा के महात्मा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा अमृत कथा है, जिसके श्रवण से मनुष्य भवसागर के पार हो जाता है। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस पर अयोध्या के पंडित उमापति त्रिपाठी द्वारा प्रतिष्ठित वशिष्ठपीठ पंडित शिवेश्वरपति त्रिपाठी, श्रीशपति त्रिपाठी और महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी के सौजन्य से श्रीअवध धाम में कथा का आयोजन किया गया है। कथा शुभारंभ के पहले मुख्य यजमान पंडित शिवेश्वरपति त्रिपाठी ने व्यासपीठ पर विराजमान जगतगुरु स्वामी. डॉ राघवाचार्य का पूजन अर्चन कर आरती उतारी। उसके उपरांत उपस्थित अयोध्या के प्रतिष्ठित संतु महंतों का पूजन-अर्चन किया।महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने सभी संतो महंतो एवं भक्तों का स्वागत सत्कार कर आभार जताया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के शिष्य महंत कमलनयन दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जीवन का कल्याण करती है। अयोध्या धाम में कथा श्रवण से कई गुना पुण्य बढ़ जाता है। रामकथा कुंज पीठाधीश्वर रामानंद दास महाराज ने कहा कि तिवारी मंदिर अयोध्या की प्रतिष्ठित पीठ है। इनके द्वारा श्रीअवध धाम में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें जो भी श्रवण करेंगे निश्चित ही उन्हें पुण्य प्राप्त होगा। श्रीमद् भागवत कथा जगत का कल्याण करती है। जब धाम में यह कथा हो तो सबका कल्याण होता हैं। जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण, सुग्रीव किला पीठाधीश्वर विश्वेशपन्नाचार्य, बड़ा भकमाल पीठाधीश्वर महंत अवधेश कुमार दास महाराज ने अपने आशीर्वचन प्रदान किया। संचालन रामकथा और भागवत कथा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य राधेश्याम शास्त्री ने किया। इस अवसर पर अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष राेली सिंह, संत एमबी दास, रामनंदन दास, सहित सैकड़ो संत महंत और भक्तगण उपस्थित रहे। तिवारी मंदिर के रुद्रेश तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान किया।