टेबल टेनिस व ताइक्वांडो खिलाड़ियों को ले जाना है अच्छे मुकाम पर-डा प्रत्यूष राज

बदलता स्वरूप गोण्डा। जहां जनपद गोंडा में आत्मरक्षा के खेल ताइक्वांडो के बारे में आज से 21वर्ष पूर्व किसी को न तो अत्यधिक जानकारी थी, न ही खिलाड़ी व अभिभावक जागरूक थे, आज से 21 वर्ष पूर्व खेल में बालिकाओं की भागीदारी न के बराबर थी, आत्मरक्षा के इस खेल की अलख जगाते हुए विगत 21 वर्षों से गोंडा ताइक्वांडो एसोसिएशन के सचिव डा प्रत्यूष राज लगातार आत्मरक्षा के इस विधा को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। जिसका परिणाम यह है कि करीबन जनपद के 5000 से अधिक बच्चे इस खेल से लाभान्वित हो चुके हैं। तो करीबन 100 से अधिक खिलाड़ियों ने ताइक्वांडो महासंघ कोरिया द्वारा ब्लैक बेल्ट की उपाधि प्राप्त की है । 40 के करीबन खिलाड़ी राष्ट्रीय व चार खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व दो खिलाड़ी वर्ल्ड कप कोरिया में प्रतिभाग कर चुके हैं। आज जनपद के करीबन दर्जन भर खिलाड़ी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया साईं व कई खिलाड़ी आर्मी बॉयज हॉस्टल में चयनित हुए हैं। प्रशासन द्वारा मिशन शक्ति और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत उनके द्वारा विगत वर्ष करीबन 1000 बालिकाओं को निशुल्क प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। अपने कठोर मेहनत व दृढ़ निश्चय से आज जनपद गोंडा के खिलाड़ी पूरे उत्तर प्रदेश में अपना नाम बना रखे हैं और कई प्रतियोगिताओं में प्रथम और द्वितीय ट्रॉफी पर भी अपना कब्जा कर जनपद गोंडा का परचम लहरा चुके हैं। ताइक्वांडो खेल के साथ-साथ अब गोंडा में टेबल टेनिस की अलख जगाने के लिए डा प्रत्यूष राज राज ने जिम्मा उठाया है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इस माह आयोजित कानपुर में प्रतियोगिता में जनपद के खिलाड़ियों ने शानदार प्रस्तुति की है। इनका मानना है कि इस खेल के माध्यम से सभी वर्ग के पुरुष, महिला, बालक, बालिकाओं को विशेष लाभ होगा। इस खेल में अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो टेबल टेनिस में व्यक्ति 50 से 60 साल तक का व्यक्ति भी प्रतिभाग कर सकता है। जिससे उनका शारीरिक मानसिक और बौद्धिक विकास भी होगा। वे स्वयं भी सीनियर अंडर 37 वर्ग मेंस में प्रतिभाग कर रहे हैं। उनका मानना है कि जल्द ही टेबल टेनिस में खिलाड़ी बुलंदियों पर होंगे और जनपद का नाम गौरवान्वित करेंगे इसके लिए प्रशिक्षण हेतु समस्त तैयारियां की जा चुकी है।